जल , जंगल ,जमीन व जीविका को बचाने के लिए धरती आबा बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी के खिलाफ किया था संघर्ष- सिद्धेश्वर सरदार
जादूगोड़ा : पर्यावरण चेतना केंद्र बड़ा सिकदी में सोमवार को बिरसा मुंडा का 125वां शहादत दिवस मनाया गया। इस मौके पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पूजा अर्चना कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर पर्यावरण चेतना केंद में एक समारोह आयोजित की गई जहां केंद्र के निदेशक सिद्धेश्वर सरदार ने बिरसा मुंडा के संघर्ष को याद कर उन्हें नमन किया व पुष्प अर्पित किया। उन्होंने कहा कि उनके संघर्ष के बदौलत ही जल,जंगल,जमीन समेत जीविका बची हैं और छोटा नागपुर काश्तकार अधिनियम बना। उन्होंने कहा कि जमीन से आदिवासी बेदखल हो रहे है, जीविका को नष्ट किया जा रहा है। ऐसे में उनके बताए रास्ते में चलने की नई पीढ़ी को सलाह दी। इस समारोह में पर्यावरण चेतना केंद्र के निदेशक सिद्धेश्वर सरदार, सचिव विभीषण सरदार, जयपाल सिंह सरदार, जोबा टुडू, लक्ष्मी सिंह, मालती सरदार, अनिता सरदार, गौरी सरदार, सुरेश सरदार, आनन्द सरदार, धनंजय महतो, उदय टुडू, वनमाली महतो आदि उपस्थित थे।

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