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खुर्शी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के गायब रहने के ख़िलाफ़ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, ग्रामीणों ने स्कूल में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की उठाई मांग Villagers protested against the absence of a teacher in Khurshi Primary School, villagers raised the demand to increase the number of teachers in the school

जादूगोड़ा : जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के डोमजुडी पंचायत अंतर्गत ख़ुर्शी प्राथमिक विद्यालय में महीने में दो बार सहायक शिक्षक प्रेम कुमार दास के स्कूल आने और स्कूल से गायब रहने के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा गुरुवार को फुट पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने सहायक शिक्षक प्रेम कुमार दास के खिलाफ स्कूल में प्रदर्शन किया और जिला शिक्षा अधीक्षक से विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की मांग की ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। इस दौरान मौजूद ग्रामीण रविन्द्र हांसदा, बीरेंद्र हांसदा, मंगल मुर्मू, उदिस मुर्मू, श्रवण हांसदा आदि ने कहा कि विद्यालय में पहली से पांचवी तक पढ़ाई होती है और इन पांच कक्षाओं के लिए मात्र दो ही शिक्षक है। एक सहायक शिक्षक प्रेम कुमार दास कार्यालय का काम, मध्याह्न भोजन, बैंक वर्क, बच्चों का आधार कार्ड बनाना, बैंक खाते खुलवाना, प्रशिक्षण में हिस्सा लेना और सरकारी योजनाओं पर फोकस आदि के कारण पढ़ाई के बजाय दूसरे कार्यों में व्यस्त रहते है। मात्र एक महिला शिक्षिका के भरोसे पूरा विद्यालय चलता है। इस कारण स्कूल में पढ़ाई नहीं होती। बच्चे इधर-उधर घूमते रहते हैं जिससे  बच्चों का भविष्य गढ़ने के बजाय बिगड़ने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों ने  जिला शिक्षा अधीक्षक से इस विद्यालय के लिए अतिरिक्त शिक्षक मुहैया कराए या सहायक शिक्षक प्रेम कुमार दास को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाने की मांग की ताकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि  स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर वैसे अभिभावक को रखा गया है जिनके बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ते। इसको लेकर ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंधन समिति के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा। विद्यालय के सहायक शिक्षक प्रेम कुमार दास ने ग्रामीणों के आरोपों की सही ठहराया तथा कहा कि उन्हें गैर शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी मिलने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, जिसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का चुनाव तीन साल पहले हुआ था। अब उनके बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ते हैं जिसे ग्रामीण बैठक कर बदल सकते है,उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद ग्रामीण शांत हुए और कहा कि वे जिला शिक्षा अधीक्षक से मुलाकात कर शिक्षक बढ़ाने की मांग रखेगा।


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