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एचआर और प्लांट हेड के रवैये से क्षुब्ध मेटाल्सा कंपनी के कामगार अपनी मांगों को लेकर गए हड़ताल पर, दिया 72 घन्टे का अल्टीमेटम Workers of Metalsa company, angry with the attitude of HR and plant head, went on strike for their demands, gave 72 hours ultimatum

गम्हरिया : कंपनी के एचआर हेड अरशद अली और प्लांट हेड शशि कुमार के व्यवहार से क्षुब्ध गम्हरिया प्रखंड के भोलाडीह स्थित मेटालसा कंपनी के मजदूर अपनी आठ सूत्री मांगो को लेकर सोमवार से हड़ताल पर चले गए। इस दौरान मजदूरों ने कम्पनी गेट के समक्ष प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। मजदूरों ने दोनों ही अधिकारियों पर जबरन मानसिक प्रताड़ना देकर उनसे काम कराने का आरोप लगाया है। इस मौके पर मेटालसा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राजीव पांडेय ने बताया कि दोनों ही अधिकारियों द्वारा औद्योगिक शांति भंग करने एवं श्रमिकों को आंदोलन के लिए उकसाने का प्रयास किया गया है। बताया कि बीते 27 फ़रवरी को दोनों अधिकारियों ने यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से जबरन हस्ताक्षर कराया गया है जो गलत है और श्रम कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रतिद6 मजदूरों को बिना वेतन के 3 से 5 घंटे का ओवर टाइम करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा कंपनी परिसर में हुई दुर्घटनाओं की अनदेखी की जाती है। कंपनी में सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया जाता है। यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि इन अधिकारियों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से पांच मिनट में नई नीतियां लागू कर श्रमिकों पर जबरन दबाब डाला जाता है। मजदूरों को रात्रि पाली अलाउंस नहीं दिया जाता है एवं वर्क स्टैंडिंग ऑर्डर की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जाती है। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने एवं दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, मजदूरों से जबरन लिए गए हस्ताक्षर को अमान्य घोषित करते हुए दस्तावेज मजदूरों को लौटाने, अस्थाई और स्थाई कर्मचारियों को बिना वेतन कराए गए ओवरटाइम का पूरा भुगतान करने, अभिलंब भविष्य में जबरन श्रम पर पूर्णत: रोक लगाने, औद्योगिक शांति बनाए रखने के लिए श्रमिक हितों की रक्षा हेतु पारदर्शी वार्ता प्रक्रिया सुनिश्चित कराने, कोरोना काल के दौरान केंद्रीय मंत्रालय द्वारा आर्थिक राहत राशि के दुरुपयोग की जांच कराने, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के दौरान मुख्य द्वार बंद कर श्रमिकों को जबरन रोकने की प्रथा बंद करने, वर्क स्टैंडिंग आर्डर का उल्लंघन कर केवल नाइट शिफ्ट और ए शिफ्ट कराए जाने की प्रथा पर रोक लगाने, नाइट शिफ्ट में श्रमिकों को उचित टी ब्रेक एवं आराम की सुविधा प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर प्रबंधन को वार्ता करने हेतु 72 घन्टे का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद यदि प्रबंधन वार्ता कर सकारात्मक पहल नहीं करती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस मौके पर काफी संख्या में मजदूर उपस्थित थे।

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