जमशेदपुर : दिल्ली की अंतरराष्ट्रीय सांगीतिक संस्था 'स्वरांजली' द्वारा अपने 25वें वर्षगांठ के अवसर पर दो दिवसीय झारखंड महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया। शास्त्रीय संगीत के इस कार्यक्रम के दूसरे दिन टीन प्लेट इवनिंग क्लब के प्रेक्षागृह में सर्वप्रथम गम्हरिया की संगीत संस्था संगीत कला मंदिर के छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत गायक एवं गुरु मनमोहन सिंह के 10 शिष्यों सतकीरत, सुमन, सिमरप्रीत, विजय, मनीष, दीपांशी, आरोही, अदिति, शोभा एवं जयवर्धन द्वारा राग भूपाली में मध्यलय झपताल, मध्यलय एकताल में बंदिशें तथा तीनताल में तराने से कार्यक्रम की मनमोहक शुरुआत हुई। वहीं, एकल तबला वादन की दूसरी प्रस्तुति में फर्रुखाबाद घराने के पंडित परिमल चक्रवर्ती के होनहार शिष्य अमिताभ सेन ने तीनताल में पेशकार, कायदा, रेला, गत, टुकड़ा, परण और चक्रधार बजाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनके साथ सूजन चटर्जी ने राग किरवानी में हारमोनियम पर सुंदर नगमा से इसे सजाया। इस मौके पर कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति कलकत्ता से आए शास्त्रीय गायक पंडित देवप्रिया अधिकारी एवं सितारवादक पंडित समन्वय सरकार द्वारा बेहतरीन युगलबंदी पेश की गई। इन्होंने राग गोरख कल्याण में विलंबित झपताल, मध्यलय तीनताल, चतुरंग एवं द्रुत तीनताल के अलावा और भी कई खूबसूरत बंदिशें पेश कर श्रोताओं के दिलो-दिमाग पर अपनी अविस्मरणीय छाप छोड़ी। वहीं, सोहन घोष के तबले पर संगत से प्रस्तुति ने युगलबंदी को चार चांद लगा दिया। उदघोषक सुजीत राय ने कार्यक्रम का बखूबी संचालन किया। इस मौके पर कार्यक्रम में निरंतर अपने अद्वितीय सहयोग करने वाले ग्राफिक डिजाइनर देवराज दास एवं साउंड इंजीनियर कल्लोल राय को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। स्वरंजलि दिल्ली के संस्थापक सुब्रत डे की अगुआई में इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमिताभ सेन, अशोक सिंह, सूजन चटर्जी, सुभाष बोस, मनमोहन सिंह के साथ अन्य लोगों का सराहनीय सहयोग रहा।
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