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प्रबंधन के वादाखिलाफी के विरोध में आरडी रबर कंपनी के कामगार गए हड़ताल पर,कोमयूं ने किया समर्थन Workers of RD Rubber Company went on strike under the banner of Kolhan Mazdoor Union in protest against the management's broken promises

गम्हरिया : औद्योगिक क्षेत्र गम्हरिया स्थित आरडी रबर कंपनी प्रबंधन के वादाख8 तथा मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के विरोध में सोमवार से सभी कामगार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इस दौरान कंपनी के सभी स्थायी और अस्थायी कामगार मुख्य गेट के समक्ष प्रदर्शन कर धरना पर बैठ गए। इन हड़ताली मजदूरों को कोल्हान मजदूर यूनियन ने भी अपना समर्थन देते हुए प्रबंधन ने अविलम्ब उनकी मांगों को पूरा करने की मांग किया है। बताया जाता है कि कंपनी प्रबंधन द्वारा लोकसभा चुनाव के दिन मजदूरों को छुट्टी दिए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ जो गहराता गया और अंततोगत्वा उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। इससे पूर्व उंक्त कंपनी के कई मजदूरों द्वारा कोल्हान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सह ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए उनसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई। तत्पश्चात, कोल्हान मजदूर यूनियन के समर्थन के बाद मजदूरों ने हड़ताल करते हुए आज गेट जाम कर दिया। इस मौके पर यूनियन के महामंत्री बसंत कुमार ने बताया कि कंपनी प्रबंधन स्थाई और अस्थाई मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है। प्रबंधन द्वारा मजदूरों को ना तो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है और ना ही पीएफ, ईएसआई, सुरक्षा उपकरण आदि की सुविधाएं दी जा रही है। मजदूरों को उनके हक और अधिकार से बंचित किया जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सवैतनिक छुट्टी दिए जाने की घोषणा के बाद मतदान के दिन अवकाश मांगे जाने पर कंपनी के एचआर प्रमुख द्वारा मधुवा सोरेन, उदय कांत झा समेत अन्य मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही, उदय कांत झा नामक मजदूर को चार्ज सीट थमा दिया गया। उन्होंने बताया कि कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। रबड़ बनाने वाले कंपनी में उपयोग होने वाले रेजिन पाउडर का मजदूरों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव होता है। इसके बावजूद प्रबंधन द्वारा उन्हें कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराया जाता है। यहां तक कि मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच भी प्रबंधन द्वारा नहीं कराई जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1896 में कंपनी का टर्न ओवर 221 मीट्रिक टन था जो बढ़कर अब करीब 21 हजार मीट्रिक टन हो गया है। इसके बावजूद मजदूरों द्वारा अपनी मांगे मांगे जाने पर उन्हें बताया जाता है कि कंपनी घाटे में चल रही है। इसके अलावा कंपनी के कई मजदूर वर्षों पूर्व सेवानिवृत्त हो गए जिसमे कई मजदूरो की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद, प्रबंधन द्वारा उन्हें या उनके परिजनों को सेटलमेंट का भुगतान अभीतक नही किया गया है।इन सभी समस्याओं से त्रस्त होकर समस्याओं को लेकर मजदूरों ने आज से विरोध का बिगुल फूंका है। इस मौके पर मजदूर नेता अशोक उर्फ बबुआ मिश्रा समेत कंपनी के करीब 270 मजदूर मौजूद थे।

हड़ताल असंवैधानिक, गुमराह कर रहे कर्मचारी : प्रबंधन
आरडी रबड़ रिक्लेम कंपनी के खिलाफ मजदूरों के बेमियादी हड़ताल को प्रबंधन ने अवैध करार दिया है। कंपनी के प्रबंधक उमेश शुक्ला ने बताया कि पूर्व में हड़ताल अथवा गेट जाम की कोई सूचना प्रबंधन को दिए बगैर कामगारों ने यह गलत कदम उठाया है। जबकि इस तरह के आंदोलन के लिए पूर्व में नोटिस देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कंपनी अभी विकट परिस्थिति से गुजर रहा है। विगत करीब 20 दिनों पूर्व अगलगी से कंपनी के लाखों के उपकरण जलकर खाक हो गया था जिससे उत्पादन ठप्प है। इसके साथ ही कंपनी लगातार घाटे में चलकर कामगारों को वेतन दे रही है। उन्होंने कहा कि यहां 270 कामगारों का हवाला देकर स्ट्राइक करना गलत है। उन्होंने बताया कि कंपनी में आरडी रबर यूनियन ही रजिस्टर्ड है। जबकि यहां के कर्मचारी प्रतिष्ठित नेताओं को गुमराह कर कंपनी के कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं।

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