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ज्ञान कर्म के द्वारा होता है भक्ति का जागरण-आचार्य संज्ञानन्द Awakening of devotion happens through knowledge and action

 कांड्रा : जिले के पण्डवा ग्राम में आनन्दमार्ग प्रचारक संघ की ओर से बाबा नाम केवलम संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित आचार्य संज्ञानन्द अवधूत  ने कहा कि जीवन की आकांक्षित लक्ष्य परम पुरुष को पाने के लिए ज्ञान, कर्म और भक्ति अनिवार्य है। ज्ञान और कर्म के द्वारा भक्ति का जागरण होता है और इस भक्ति के द्वारा ही मनुष्य स्वर्गीय आनंद को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भक्ति जहां सभी दोषों से मुक्त है, वहीं ज्ञान और कर्म में कुछ कमियां रह जा सकती हैं। सिर्फ ज्ञान बहुधा मनुष्य को आलसी और अहंकारी बना देता है, वही कर्म मनुष्य को अहंकारी बना देता है। जब तक आध्यात्मिक साधक इन दोषों से छुटकारा नहीं प्राप्त कर लेता है तब तक साधक केवल भक्ति में प्रतिष्ठित नहीं हो सकता है। कहा कि परम पुरुष को पाने के लिए केवल भक्ति अनिवार्य है। इसलिए बुद्धिमान मनुष्य को ज्ञान और कर्म के दोषों से बचने के लिए भक्ति का आश्रय लेना ही होगा। साधक को ज्ञान के दोषों से बचने के लिए उन्हें अवश्य ही इन दोनों से मुक्त होने का उपाय जानना चाहिए जिससे कि उनका ज्ञान सिर्फ बंध्या ज्ञान बनकर ही ना रह जाए। उन्होंने हमेशा आलस्य और अहंकार से दूर रहने की अपील किया। इस मौके पर आयोजित संकीर्तन में काफी संख्या में अनुयायी शामिल हुए। कार्यक्रम के सफल आयोजन मे भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन, बीर सिंह जामुदा, सरिता जामुदा, बसन्त राम,  प्रवेश गोप, गौरी शंकर आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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