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पीएम विश्वकर्मा योजना अंतर्गत एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन Organization of one day orientation cum awareness program under PM Vishwakarma Scheme


आदित्यपुर : भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एसिया भवन में किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ उपायुक्त रविशंकर शुक्ला व अन्य अथितियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया आदि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती पर विगत दिनांक 17 सितम्बर'2023 को प्रधानमंत्री के द्वारा डिजिटली लाँच किया गया था। भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया। इस मौके पर एमएसएमई, विकास कार्यालय, राँची  के सहायक निदेशक आईईडीएस गौरव कुमार ने कार्यक्रम के उददेश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं जिसमें कारपेंटर, नाविक, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रुपए 500/- प्रतिदिन की दर से मानदेय देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महाप्रबंधक डीआईसी शिव कुमार, डीपीएम, जेएसएलपीएस, एसिया अध्यक्ष इन्दर अग्रवाल, एलडीएम वीरेन्द्र कुमार आदि ने भी अपने अपने मंत्वय साझा किए। सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), रांची के वरिष्ठ प्रबंधक शशि शुक्ला ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक "ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन" शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया। इस कार्यशाला में जिले के लगभग 150 से अधिक शिल्पकारों और कारीगरों ने भाग लिया।

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