●राम मन्दिर आन्दोलन में जादूगोड़ा के भाजपा ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष मनोज प्रताप सिंह समेत उनकी टोली गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच बचाई थी जान
●●जादूगोड़ा के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामाशीष रावत ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर राखा- कॉपर आवास पर दर्जनों बार दी थी दबिश
जादूगोड़ा : विगत 30अक्टूबर व 2 नवंबर 1990 को अयोध्या में कार सेवकों पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राम मन्दिर आन्दोलन में कूदे जादूगोड़ा के भाजपा ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष मनोज प्रताप सिंह समेत उनकी टोली ने गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच अपनी जान बचाई थी। देश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के बाद जादूगोड़ा के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामाशीष रावत उनकी गिरफ्तारी को लेकर राखा-कॉपर आवास पर दर्जनों बार सशस्त्र बल के साथ दबिश दी। लेकिन उनके शातिर दिमाग के आगे पुलिस उनकी गिरफ्तारी में असफल रही। इधर वर्षो बाद कार सेवकों के आंदोलन फलस्वरूप आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्षेत्र में उत्सव मानने की तैयारी में जुटे हैं भाजपा नेता मनोज प्रताप सिंह। उस दिन को याद कर उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता की कहानी याद कर वे सिहर उठते है। उस वक्त कम उम्र में भी जादूगोड़ा राखा कॉपर कॉलोनी निवासी सह भाजपा नेता अब पार्टी के जिला भाजपा उपाध्यक्ष मनोज प्रताप सिंह ने भी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने उस दिन की याद को साझा करते हुए बताया कि कार सेवकों की हत्या के बाद घटना की वीडियो रिकार्डिंग वीसीआर के मार्फत वायरल की गई जिसमें जगह जगह राम भक्तों की हत्या कैसे हुई, कितने निर्ममता तरीके से मुस्लिम तुष्टिकरण करने लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गोलियां चलवाई थी। उस वक्त बिहार में मुख्य्मंत्री लालू यादव की सरकार थी। पुलिस ने राम मंदिर आंदोलन का वीडियो दिखाने को लेकर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता मनोज प्रताप सिंह कारसेवकों की हत्या की खून से सनी वीडियो चोरी छिपे जनता के बीच में पहुचाईथी। उन्होंने जानकारी दी कि बाबरी मस्जिद टूटने के बाद बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। उनके सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तारी की जा रही थी।
उनके घर पर तत्कालीन इंस्पेक्टर रामाशीष रावत ने दबिश दी। वे खुद को लालू यादव का रिश्तेदार बताया करते थे। उन्होंने आगे कहा कि आडवाणी जी की रथ यात्रा को बिहार में लालू यादव ने रोक कर उन्हे गिरफ्तार कर लिया था उसके बाद भारत बंद का आहवान भाजपा की ओर से की गई थी जिसमे उनकी सक्रियता को लेकर पुलिस द्वारा उनकी गिरफ़्तारी की गई। इस आंदोलन में जादूगोड़ा से मुख्य रुप से स्व0 अनिल तिवारी, सुजीत सिंह, पवन सिंह, विद्याधर पाल, संजय सिंह, पुलोक पांडा, तरमेंदर सिंह, राम बाबू यादव, जगदीश गोप, निवास गोप, जितेंद्र कुशवाहा आदि शामिल थे।
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