गम्हरिया : जिले के सीतारामपुर डैम में शनिवार को 3.50 लाख मछली का जीरा (अंगुलिका) छोड़ा गया। मत्स्य विभाग की ओर से रोहू, कतला, मृगाल आदि प्रजाति के मछली का जीरा डैम में छोड़ा गया है। इस मौके पर जिला मत्स्य प्रसार पदाधिकारी राज कुमार, यशपुर पंचायत की मुखिया पार्वती सरदार, सीतारामपुर मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष डाक्टर टुडू, सचिव चरण हांसदा, जय जीवन, बुधराय समेत काफी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित थे। मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरे राज्य में जलाशयों और तालाबों में मछली का जीरा छोड़ा जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग नोडल पदाधिकारी नियुक्त किये गये हैं। सीतारामपुर डैम मछली उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। यहां जीरा छोड़ने का मुख्य उद्देश्य इससे विस्थापित गांव के लोगों को मछली व्यवसाय कर जीवकोपार्जन में सहायता मिलेगी एवं वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने बताया कि मछली पालकों को सरकार की ओर से ट्रेनिंग भी दी जा रही है। प्रधानमंत्री संपदा योजना के तहत एसटी एवं एससी चार मीटर की परिधि में मछली का पालन कर सकती है। सरकार के द्वारा ऐसे मत्स्य पालकों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना वर्ष 2025 तक लागू रहेगी। उन्होंने समिति के अध्यक्ष डाक्टर टुडू से मछली पालन की जानकारी ली। इस मौके पर काफी संख्या में मत्स्य पालक उपस्थित थे।
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