विश्व हिन्दू परिषद् धर्मप्रसार विभाग की ओर से दस दिवसीय आरोग्य रक्षक प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन Organization of ten day Arogya Rakshak training class by VHP Dharmaprasar Department


आदित्यपुर : विश्व हिन्दू परिषद् के धर्मप्रसार विभाग की ओर से बिरसा सेवा प्रकल्प आरोग्य रक्षक प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन आदित्यपुर स्थित गंगोत्री नर्सिंग होम में प्रारम्भ किया गया है। दस दिवसीय यह प्रशिक्षण वर्ग आगामी 20 सितम्बर तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में झारखण्ड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की 20 महिलाएं भाग ले रही हैं। इस दौरान उन्हें मानसिक, शारिरीक एवं बौद्धिक रूप से तैयारी कराई जा रही है जिसमें उन्हें अपने धर्म, संकृति, संस्कार एवं चिकित्सा सम्बन्धी प्राथमिक जानकारियां दी जा रही है। बताया गया है कि डॉक्टरों के एक पैनल डॉ0 जेएन दास एवं डॉ0 भोला लोहार की देखरेख में प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। प्रशिक्षण वर्ग में मुख्य रुप से चित्रकूट से आए झारखंड संत प्रमुख सुविख्यात राष्ट्रीय प्रखर प्रवक्ता युवा महंत श्री श्री 108 स्वामी सीताराम शरण जी महाराज ने कहा कि स्वास्थ्य एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक बेहतरी को संदर्भित करता है। एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए तब कहा जाता है जब वह किसी भी शारीरिक बीमारियों और मानसिक तनाव से रहित होता है तथा अच्छे पारस्परिक संबंधों का मज़ा उठाता है। कहा कि पिछले कई दशकों में स्वास्थ्य की परिभाषा काफी विकसित हुई है। हालांकि इससे पहले इसे केवल एक व्यक्ति की भौतिक भलाई से जोड़ा जाता था पर अब यह उस स्थिति को संदर्भित करता है जब कोई व्यक्ति अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है, आध्यात्मिक रूप से जागृत है और एक अच्छा सामाजिक जीवन जी रहा है।
शास्त्रों में कहा गया है कि स्वास्थ्य धन ही सर्वप्रमुख धन है। "आप क्या खा रहे हैं, स्वास्थ्य का संबंध केवल इससे नहीं है बल्कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं, स्वास्थ्य का संबंध इससे भी है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध केवल शरीर से ही नहीं बल्कि मन की दृढ़ता से भी है।
इस मौके पर जमशेदपुर के डॉ0 जेएन दास ने कहा कि वर्ष 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने किसी व्यक्ति की संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को स्वास्थ्य में शामिल किया है ना कि केवल बीमारी का अभाव। इसे लंबे समय के लिए अव्यवहारिक मानकर खारिज कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 1980 में स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लाई गई। इसके तहत स्वास्थ्य को एक संसाधन के रूप में माना गया है। आज एक व्यक्ति को तब स्वस्थ माना जाता है जब वह अच्छा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है। इस मौके पर झारखण्ड प्रांत विधि प्रमुख दीपक शर्मा, धर्मप्रसार प्रमुख संजय चौरासिया, सह प्रमुख सचिदानन्द, जिलाध्यक्ष राजू चौधरी, जमशेदपुर कार्यालय प्रमुख संजय सिंह, मुनी लाल, शंकर राव, विवेक सिंह समेत कई सदस्य उपस्थित थे।

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