सरायकेला : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर, सरायकेला और अनुमंडल व्यवहार न्यायालय, चांडिल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग सम्मिलित हुए। सरायकेला में गठित पाँच पीठ तथा चांडिल में गठित दो पीठ मे न्यायालय में लंबित करीब 571 मामलों का निष्पादन किया गया। साथ ही, प्री लिटिगेशन के करीब 4000 समेत कुल चार 4571 मामले निष्पादित किए गए। इस दौरान करीब डेढ़ करोड़ सरकारी राजस्व की प्राप्ति हुई। निष्पादन होने योग्य मामलों में बैंक के मामले, एक्साइज एक्ट के मामले, बिजली विभाग के मामले तथा अपराधिक सुलहनीय तथा अन्य प्रकृति के मामलों का निष्पादन किया गया। इस दौरान ज़िले के एक लाख उनतीस हज़ार से अधिक लाभुकों को विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 54 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला जज प्रथम, जिला जज द्वितीय, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, चांडिल न्यायालय के जिला न्यायाधीश प्रथम, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, तथा अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, जिला अधिवक्ता संघ के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सचिव ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिवक्तागण के अलावा व्यवहार न्यायालय के अन्य न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने सभी विभागों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में शामिल लोगों से इस लोक अदालत का लाभ उठाने की बात कही। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डाला। वहीं पुलिस अधीक्षक डॉ0 विमल कुमार ने सभी विभागों से आपसी तालमेल स्थापित कर जनहित में कार्यक्रम करने तथा सुयोग्य लाभुकों को योजनाओं का लाभ प्रदान करने की बात कही। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुमार क्रांति प्रसाद ने लोक अदालत की उपयोगिता के बारे में बताते हुए मामले को त्वरित निष्पादन होने की बात कही।
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
0 Comments