जादूगोड़ा : कहने को तो यूसिल भारत सरकार का उपक्रम है, लेकिन कंपनी कर्मियों की सुविधा के नाम पर एक अदद शौचालय भी नसीब नहीं है। ऐसी ही स्थिति है यूसिल डैम में कार्यरत कर्मियों का। वर्षों बाद यूसिल ने वहां ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की सुधि ली और खुले में शौच से उन्हें मुक्ति के लिए लाखों रूपए खर्च कर शौचालय तो बनाया। लेकिन यह शौचालय छह महीने बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है और उसमें ताला लटका पड़ा है। शौचालय अधूरा रहने से बरसात में कंपनी कर्मियों को यूसिल डैम की झाड़ियों में सांप के भय के बीच शौच जाने को विवश होना पड़ रहा है जो प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत मिशन की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। बहरहाल देखना यह है कि कम्पनी प्रबंधन यूसिल डैम में कम्पनी कर्मियों की कबतक सुध लेती है और खुले में शौच से कब उन्हें मुक्ति मिलती है।
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