Breaking News

धूमधाम से मनाई गई पतंजलि आईएएस एकेडमी की 17वीं वर्षगांठ Patanjali IAS Academy's 17th anniversary was celebrated with great pomp

रांची(Ranchi) : पतंजलि आईएएस एकेडमी की 17वीं वर्षगांठ शुक्रवार को रांची के लालपुर, हरिओम टावर स्थित पीआरसीसीएस कैम्पस में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ- महुआ मांझी, राज्यसभा सदस्या डॉ0 महुआ माझी तथा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी उपस्थित थे। संस्थान के निदेशक डॉ0 संजय कुमार तिवारी ने बताया कि वर्ष 2008 से स्थापित यह संस्था विगत 17 वर्षों में 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मागदर्शन प्रदान किया तथा 30 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित कर चुके है। साथ ही, वर्तमान में 25 हजार से अधिक विद्यार्थी सिविल सेवा, माध्यमिक आचार्य, सीटेट, जेटेट एवं झारखण्ड दारोगा जैसे बैच में अध्ययनरत है। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ0 महुआ मांझी ने पतंजलि आईएएस एकेडमी के नये आवासीय शाखा पीआरसीसीएस की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान आने वाले दिनों में झारखण्ड के लिए सिविल सेवा में गौरव का केंद्र होगा। यहाँ से सफल होकर विद्यार्थी झारखण्ड का नाम रौशन करेंगे तथा भविष्य में आईएएस, आईपीएस भी बनेंगे। कहा कि इस संस्थान की पहल है कि एक छत के नीचे बच्चों को रहने, खाने, स्नातक करने तथा सिविल सेवा की तैयारी करने की सुविधा प्रदान की जाएगी, जो निःसंदेह सराहनीय है। संस्थान एक ऐसे वातावरण का निर्माण करता है जिसमें सफलता आसानीपूर्वक प्राप्त की जा सके। कहा कि यह जानकर हर्ष हुआ कि संस्था ने झारखण्ड के युवाओं को नौकरी प्रदान करने की राह आसान किया है तथा संस्थान से जुड़े विद्यार्थी झारखण्ड के कई विद्यालयों एवं जिला मुख्यालयों व प्रखण्डों में विभिन्न अधिकारिक पदों पर पदस्थापित है। इस अवसर पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पतंजलि आईएएस एकेडमी झारखण्ड के युवाओं के लिए एक प्रकाश स्तम्भ है, जहाँ से कोई विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करता है। नौकरी पाना प्रत्येक विद्यार्थी का लक्ष्य होता है और यहाँ आकर कोई भी छात्र अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। पीआरसीसीएस के निदेशक डॉ0 संजय कुमार तिवारी ने जो सपना देखा है कि 12वीं पास विद्यार्थियों को 4 वर्ष तक अपने आवसीय केन्द्र में रखते हुये स्नातक के साथ वे सिविलि सेवा की तैयारी करेंगे, तो  2028 तक झारखण्ड के बच्चे यूपीएससी परीक्षा में परचम लहरायेंगे। यह सपना उनका अवश्य पूर्ण होगा। यह संस्थान एक मिशाल बनेगी और झारखण्ड को गौरव की अनुभूति कराएगी। उन्होंने कहा कि पीआरसीसीएस एक आधुनिक गुरूकुल के जैसा है, जहाँ बच्चे और शिक्षक एक साथ रहकर अपने पठन-पाठन का कार्य करते है। इस मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थी। धन्यवाद ज्ञापन पीआरसीसीएस की प्राचार्या चंचला तिवारी ने की।


0 Comments


--ADVERTISEMENT--

 







Fashion

Type and hit Enter to search

Close