जादूगोड़ा : फर्जी कागजातधारियों ने शुक्रवार को जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के भवानीडीह में जमीन मापी का विरोध कर पोटका अंचल से आए अमीन को बैरंग भगा दिया। गौरतलब है कि रैयत की मालकिन रानी भगत अपने ही प्लांट नंबर 922, खाता 391 रकवा 0.52 रकवा अर्थात एक बीघा से अधिक की जमीन पर कब्जा को लेकर बीते दो सालों से संघर्ष कर रही है। भूमि विवाद समाधान शिविर भी इसमे नाकाम साबित हो रही है। जबकि बीते 24 अप्रैल 2025 को थाना में जमीन दस्तावेज जांचोपरांत

उसके पड़ोसी के कागजात फर्जी पाए गए थे और रैयतधारी महिला रानी भगत के जमीन का कागजात सही पाया गया था। पड़ोसियों ने फर्जी कागजात बनाकर उंक्त जमीन पर दावा कर उसे कब्जा करने में जुटा है जिसका विरोध महिला कर रही है। वह अपनी ही जमीन पर दखल को लेकर दर-की ठोकरें खाने की विवश है जबकि जादूगोड़ा थाना में आयोजित भूमि समाधान शिविर में मौखिक समझौता हुआ था कि फर्जी जमीन धारक सीमांकन का विरोध नहीं करेंगे जिसका गवाह थाना प्रभारी राजेश कुमार मंडल व पोटका अंचलाधिकारी निकिता बाला खुद थी। इस बीच समाधान शिविर में समझौते के उल्लंघन को लेकर महिला रानी भगत ने जमशेदपुर एसडीओ से प्रशासन की मौजूदगी में जमीन मापी कराने की मांग उठाई है ताकि उसे उसके हक का जमीन मिल सके। महिला का आरोप है कि 52 डिसमिल जमीन का लगान बीते कई सालों से वह दे रही है जो जांच में भी सही पाया गया। उसके बावजूद फर्जी जमीन धारक द्वारा जबरन कब्जा करने की नियत से भय पैदा करने को लेकर मारपीट पर उतारू हो जाता है ताकि जमीन पर से उसका दावा नहीं बन सके। बहरहाल देखना यह है कि प्रशासन रैयत मालिका रानी भगत को कब न्याय दिला पाती है या जमीन विवाद समाधान शिविर मजाक बनकर रह जाती है।
उसके पड़ोसी के कागजात फर्जी पाए गए थे और रैयतधारी महिला रानी भगत के जमीन का कागजात सही पाया गया था। पड़ोसियों ने फर्जी कागजात बनाकर उंक्त जमीन पर दावा कर उसे कब्जा करने में जुटा है जिसका विरोध महिला कर रही है। वह अपनी ही जमीन पर दखल को लेकर दर-की ठोकरें खाने की विवश है जबकि जादूगोड़ा थाना में आयोजित भूमि समाधान शिविर में मौखिक समझौता हुआ था कि फर्जी जमीन धारक सीमांकन का विरोध नहीं करेंगे जिसका गवाह थाना प्रभारी राजेश कुमार मंडल व पोटका अंचलाधिकारी निकिता बाला खुद थी। इस बीच समाधान शिविर में समझौते के उल्लंघन को लेकर महिला रानी भगत ने जमशेदपुर एसडीओ से प्रशासन की मौजूदगी में जमीन मापी कराने की मांग उठाई है ताकि उसे उसके हक का जमीन मिल सके। महिला का आरोप है कि 52 डिसमिल जमीन का लगान बीते कई सालों से वह दे रही है जो जांच में भी सही पाया गया। उसके बावजूद फर्जी जमीन धारक द्वारा जबरन कब्जा करने की नियत से भय पैदा करने को लेकर मारपीट पर उतारू हो जाता है ताकि जमीन पर से उसका दावा नहीं बन सके। बहरहाल देखना यह है कि प्रशासन रैयत मालिका रानी भगत को कब न्याय दिला पाती है या जमीन विवाद समाधान शिविर मजाक बनकर रह जाती है।
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