गम्हरिया : आनन्दमार्ग प्रचारक संघ की ओर से कांड्रा बस स्टैंड में नीलकंठ दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर करीब 500 लोगों के बीच खीर वितरण किया गया। इस मौके पर आनन्द मार्ग प्रचारक संघ सरायकेला- खरसावां के भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने कहा कि जिन्होंने भी समाज के लिए कुछ नया देने का प्रयास किया, उन्हें या तो शूली पर चढ़ा दिया या जहर दे दिया गया। भगवान सदाशिव को जहर पीना पड़ा, ईसा मसीह को शूली पर चढ़ा दिया गया। वैसे ही, आनन्दमार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी को बिहार के बांकीपुर केन्द्रीय कारागार में विगत 12 फरवरी'1973 को दवा के नाम पर विष का कैप्सूल दिया गया था जिससे बीमार पड़कर उनकी मौत हो गई थी। बाबा श्री श्री आनन्दमूर्त्ति जी के उपदेशों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उनका कहना था कि तुमलोग अंधकार को प्रकाश से बिष को अमृत से जीतो, ख़ुशी बनाओ। तब से सम्पूर्ण विश्व मे 12 फ़रवरी को आनन्दमार्गी लोग पूरे विश्व में नीलकण्ठ दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके आयोजन में संस्था के भर्तहरि, बसंत रामदेव, भरत बर्मन, शिव प्रसाद, निखिल, सूर्य प्रकाश आदि की प्रमुख भूमिका रही।
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