गम्हरिया : संतो के ज्ञान के अभाव में आज समाज में कटुता उत्पन्न हो रहा है। लोग धर्म, जाति, और सम्प्रदाय के नाम पर बंटते जा रहे हैं। समाज में आपसी प्रेम और भाईचारा सत्संग से ही संभव है। सवका ईश्वर एक है और उसकी प्राप्ति का मार्ग भी एक ही है। वे सबके अन्दर में है। उपरोक्त बातें संतमत सत्संग आश्रम सतवाहिनी, धिराजगंज में आयोजित दो दिवसीय 33वां जिला वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर हिन्दुपीठ कुप्पाघाट भागलपुर से पधारे महान तपोनिष्ठ संत पूज्यपाद स्वामी प्रमोदानंद जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि सच्चा सुख संतमत के मार्ग पर चलकर आत्मा की शुद्धि और परमात्मा की आराधना में है। सत्संग के माध्यम से हम आत्मज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन को शाश्वत शांति और आनंद से भर सकते हैं। इस अधिवेशन में हिन्दुपीठ कुप्पाघाट से तपोनिष्ठ स्वामी प्रमोदानंद जी के साथ स्वामी निर्मलानंद जी महाराज, स्वामी सत्य प्रकाश जी महाराज, स्वामी परमानंद जी महाराज आदि भी पधारे हैं जिनके उपदेशों को श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी। इस अधिवेशन में ज्ञान यज्ञ के तहत ज्ञान योग युक्त परमात्म्य भक्ति के बारे में सभी मानव जाति को दीक्षा भी दी गई। इसके आयोजन में समिति के अध्यक्ष कमलेश शर्मा, उपाध्यक्ष राम किशोर शर्मा, मंत्री रमण कुमार लाम, अनिल कुमार, उमेश कुमार, नंदू जी, संजय, परमानन्द, मुरलीधर केडिया, वीके टेकरीवाल, महेशानन्द पोद्दार, निराला जी समेत अभी भक्त श्रद्धालुओं का सराहनीय सहयोग रहा।
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