गम्हरिया : टायो कॉलोनी में फ्लैट धराशाही होने के पांचवें दिन उपायुक्त के निर्देश पर गम्हरिया सीओ अरविंद कुमार बेदिया शुक्रवार को पुनः कॉलोनी परिसर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। इस दौरान वे टाटा प्रबंधन एवं प्रभावितों के साथ वार्ता कर उन्हें आवंटित फ्लैटों के वस्तुस्थिति से अवगत हुए। वार्ता के पश्चात सीओ ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर आवंटित फ्लैटों का अवलोकन किया गया है। फिलहाल सभी प्रभावित कर्मियों को आवंटित फ्लैटों में जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि खुले आसमान में उन्हें रात ना गुजारनी पड़े। उसके बाद उन फ्लैटों को प्रबंधन से वार्ता कर दुरुस्त कराया जाएगा। गौरतलब है कि टायो कंपनी बंद होने के बाद कुछ कर्मियों ने फाइनल सेटलमेंट नहीं लिया है। ये सभी प्रभावित वैसे ही कर्मी हैं। वर्तमान में इनका मामला न्यायालय में लंबित है।विगत करीब नौ वर्षों से प्रबंधन द्वारा उक्त फ्लैट का मरम्मत नहीं कराया गया था। इस कारण बीते रविवार की रात से कॉलोनी के ई-टाइप के फ्लैट गिरना शुरू होने के बाद सोमवार की शाम धराशाही होकर 17 फ्लैट एक साथ जमींदोज हो गया था जिससे इन फ्लैटों में रह रहे कर्मियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी जानमाल की क्षति नहीं हुई। हालांकि टाटा प्रबंधन की ओर से दावा किया गया है कि उक्त कर्मियों को फ्लैट खाली करने का निर्देश दिया गया था। उनके लिए अलग फ्लैट आवंटित किए गए हैं, मगर कर्मियों ने उन फ्लैटों में जाने से इनकार कर दिया है। कर्मियों का कहना है कि जो फ्लैट उन्हें आवंटित किया गया है। उनकी स्थिति भी इन्हीं फ्लैटों की तरह है जिससे उनके जान-माल की सुरक्षा संभव नहीं है।इधर, प्रभावित टायो कर्मियों ने टाटा प्रबंधन द्वारा उन्हें जान से मरवाने की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि समय रहते यदि वे सपरिवार फ्लैट से बाहर नहीं निकलते तो आज सारे कर्मी काल के गाल में समा गए होते और टाटा प्रबंधन केस जीत जाती। प्रभावित कर्मियो ने बताया कि इस हादसे को लेकर वे वकील से रायशुमारी कर रहे हैं। जल्द ही टाटा प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया जाएगा। विदित है कि उस हादसे में उस इमारत के 17 फ्लैट्स जमींदोज़ हुए थे जिससे पारस नाथ महतो, असित कुमार सिंह, गुरुचरण महतो, दिलीप कुमार सिंह, नंदजी सिंह, सुनील कुमार मिश्रा, गौतम महतो, अशोक महतो, पवन कुमार साहू, ललिंदर प्रसाद, झुनझुन पांडे, शिव शंकर शर्मा, श्याम शर्मा, सहदेव महतो, शशि रंजन, नीलकमल तांती एवं भादो सोरेन का परिवार प्रभावित हुआ था।
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