गम्हरिया : आनंदमार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनन्दमार्ग स्कूल कांड्रा में संकीर्तन सह सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने कहा कि साधना माया के साथ एक संग्राम है। इस संग्राम का तात्पर्य है जिस प्रकार से भी हो माया की शक्ति को उसे प्रतिहत करना। बताया कि यह संग्राम तीन पद्धतियों से किया जा सकता है। कहा कि ब्रह्म को लक्ष्य में रखकर अविद्या के अन्धकार की छाती चीर कर सामने की ओर आगे बढते जाना, अविद्या के विरुद्ध संग्राम की एक पद्धति है। इसे मध्यमाचार कहते हैं। आनन्दमार्ग इसी मध्यमाचार को ही अधिक प्रश्रय देता है। सामने कोई लक्ष्य ठीक निश्चित न रहे तो हम कहाँ तक अन्धकार के विरुद्ध जूझते चलेंगे। बताया कि यदि लक्ष्य निश्चित न रहे तो समय और परिश्रम का वृथा अपव्यय होता है। इससे सामूहिक क्षति की सम्भावना भी रहती है। इस अवसर पर आयोजित संकीर्तन में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बसन्त राम, सूर्य प्रकाश, राज किशोर, भर्तृहरि, शिव प्रसाद आदि का प्रमुख योगदान रहा।

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