गम्हरिया के शिव बांध में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सम्पन्न, उमड़ी श्रद्धालुओं की अपार भीड़
गम्हरिया : महिला मंडली की ओर से बड़ा गम्हरिया स्थित शिव बांध के समीप आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ पवित्र मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ के पश्चात सम्पन्न हो गया। इस कथा को सुनने श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी थी। यज्ञ से पूर्व कथा के अंतिम दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य श्री अनुपानंदजी महाराज ने कहा कि मनुष्य स्वंय को भगवान बनाने के बजाय प्रभु का दास बनने का प्रयास करें। क्योंकि भक्ति भाव देखकर जब प्रभु में वात्सल्य जागता है तो वह सबकुछ छोड़कर अपने भक्तरूपी संतान के पास दौड़े चले आते हैं। कथा के सातवें व अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण एवं उनके बाल सखा सुदामाजी के चरित्र का वर्णन कथावाचक आचार्य अनुपानंदजी महाराज ने बखूबी किया। उन्होने श्री कृष्ण एवं सुदामाजी की मित्रता के बारे में बताते हुए कहा कि सुदामा के आने की खबर पाकर किस प्रकार मूरली मनोहर दौड़ते हुए दरवाजे तक उनसे मिलने गए थे। श्रीकृष्ण अपने बाल सखा सुदामा की आवभगत में इतने विभोर हो गए कि द्वारिका के नाथ हाथ जोड़कर और जल भरे नेत्र लिए सुदामा का हालचाल पूछने लगे। पं. अनुपानंदजी ने बताया कि इस प्रसंग से हम यह शिक्षा मिलती है कि मित्रता में कभी धन दौलत आड़े नहीं आती। उन्होने सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा में सुदामा चरित्र के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखो से प्रगाढ़ मित्रता के भाव-भरे पलों को सुनकर नेत्रों सेे अश्रु बहने लगे। कथा समापन व आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच भोग वितरण किया गया। इसके आयोजन में रूबी देवी, निशा कौंडिल, माला देवी, अनिता देवी, लक्ष्मी, नीलम पांडेय, कुमार संजय, भारती कुमारी आदि का प्रमुख योगदान रहा।--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
--ADVERTISEMENT--
.
.
.
0 Comments