सरायकेला : विगत दिनों नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित चतुर्थ एमएचएम (मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन) सम्मेलन में सामाजिक संस्था ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन को सर्वश्रेष्ठ 'मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन' (एमएचएम (MHM) पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रामालय की प्रमुख संसाधन केंद्र, जल शक्ति मंत्रालय, डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया और बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा फाउंडेशन के उत्कृष्ट योगदान और सामुदायिक प्रभाव को मान्यता देते हुए प्रदान किया गया। विदित है कि ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने हाल ही में स्वीकृत एमएचएम नीति 2024 को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस नीति में स्कूलों और कॉलेजों में मासिक धर्म शिक्षा, स्वच्छता उत्पाद, सैनिटेशन और वॉश (जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य) सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। फाउंडेशन ने सर्वेक्षणों और मीडिया एडवोकेसी के माध्यम से नीति निर्माताओं को मासिक धर्म स्वच्छता को प्राथमिकता देने के लिए संवेदनशील बनाया, जिससे इस प्रगतिशील नीति का निर्माण संभव हो सका। फाउंडेशन के संस्थापक सैंडी खांडा और अध्यक्ष अनुराग को पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित ग्रामालय के सीईओ साई दामोदरन ने सम्मानित किया। पुरस्कार स्वीकार करते हुए संस्थापक सैंडी खांडा ने यह सम्मान फाउंडेशन के सभी स्वयंसेवकों और मुख्य टीम को समर्पित करते हुए कहा कि यह पुरस्कार हर उस स्वयंसेवक और टीम सदस्य का है जिन्होंने देशभर में सतत मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को लागू करने के लिए अथक प्रयास किया है।
ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन झारखण्ड राज्य प्रभारी आकाश महतो ने कहा कि वाकई में बहुत अच्छा लगता है जब हमारे कामों को किसी बड़े मंच पर सराहा जाता है। यह पुरस्कार हमलोगों को मासिक धर्म के क्षेत्र में काम करने हेतु और भी प्रेरित करेगी। ये सभी युवा वॉलंटियर्स के लिए एक खुशनुमा पल है। फाउंडेशन के जमीनी प्रयास हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, चंडीगढ़ और कोलकाता सहित कई राज्यों में फैला हुआ है जहां 3,000 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ फाउंडेशन ने मासिक धर्म स्वच्छता पर व्यापक जागरूकता पैदा की है और समुदायों को मासिक धर्म से जुड़े मिथकों को तोड़ने के लिए सशक्त बनाया है। सम्मेलन के दौरान खांडा ने 'एमएचएम जागरूकता और एडवोकेसी में मीडिया की भूमिका' पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। उन्होंने फाउंडेशन की हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट साझा की जिसमें सामुदायिक चिंताओं को उजागर किया गया था और नीति निर्माताओं को प्रभावित करने और एमएचएम नीति 2024 के लिए मीडिया समर्थन प्राप्त करने के प्रयासों पर चर्चा की। नई नीति के अनुमोदन पर उन्होंने कहा कि यह सभी एमएचएम अधिवक्ताओं की सामूहिक जीत है। अब हमारा अगला ध्यान इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में आने वाली चुनौतियों को पहचानने पर होना चाहिए। उंक्त सम्मेलन में देशभर से 250 से अधिक प्रतिनिधिऔर 50 वक्ता शामिल हुए थे जिनमें केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के प्रणेता, साउथ एशिया के निदेशक रवि भटनागर जैसे प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद थे।
ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन की समावेशी एमएचएम शिक्षा और सतत प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता एक स्वस्थ और समान समाज के निर्माण के उनके दृष्टिकोण को दर्शाती है।
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