●पोटका में जेकेएलएम, भाजपा व झामुमो के बीच त्रिकोणीय मुकाबला के आसार
जादूगोड़ा : पोटका से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की ओर से झामुमो के पूर्व कद्दावर नेता भागीरथ हांसदा को प्रत्याशी बनाया गया है। हांसदा के चुनाव मैदान में उतरने से पोटका विधायक संजीव सरदार को दूसरी बार विजय रथ पार करना आसान नहीं होगा। इधर विधायक संजीव सरदार के समर्थक जेकेएलएम प्रत्याशी भागीरथी हांसदा को हल्के में ले रहे है और उन्हें विधायक संजीव सरदार द्वारा बीते सालों में किए गए विकास पर भरोसा है। उनकी माने तो मुख्य मुकाबला भाजपा व झामुमो के बीच ही होगा। जेकेएलएम इस चुनावी मैदान में कही नहीं है। फिलहाल पोटका में जेकेएलएम प्रत्याशी भागीरथी हांसदा के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय जरूर बना दिया है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा प्रत्याशी का कहना है कि पहली बार जेकेएलएम ने संथाली प्रत्याशी दिया है और उसकी आबादी 83 हजार है। पूर्व में भी इस सीट से संथाली प्रत्याशी जीत दर्ज कर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है। ऐसे में संथाली वोट झामुमो से छीन कर जेकेएलएम ने अपने पक्ष में मोड़ने में सफल हुई तो हार की बाजी जीत में बदल सकती है। ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व ही झामुमो विधायक संजीव सरदार से नाराज होकर भागीरथी हांसदा ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का दामन थामा था। वे पहली बार पोटका से विधानसभा चुनाव लड़ेगे। जबकि इस पूर्व लंबे समय तक झामुमो में रहकर पोटका की जनता की आवाज बनते रहे हैं। वे दो बार बाघमारा से मुखिया चुने गए। अपनी सक्रियता के बल पर वे पोटका मुखिया संघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे। पूर्व में झामुमो में युवा मोर्चा के जिला प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभाल चुके है। फिलहाल उनकी पत्नी ज्योत्सना हांसदा पोटका प्रखंड क्षेत्र के मांटकू पंचायत से मुखिया है। उन्हें उम्मीद है कि पोटका से 83 हजार संथाली समेत भूमिज, मंडल, गोप समेत सभी समुदाय के वोट के सहारे वे चुनावी नैया पार करने में सफल होगे। दूसरी ओर देखे तो झामुमो विधायक संजीव सरदार से खफा होकर उनकी ही पार्टी झामुमो से इस्तीफा देकर कई कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम लिया है जो बीते दिनों तक विधायक संजीव सरदार के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े रहते थे, अब उनसे जुदा होकर अलग राह पकड़ लिया है व भाजपा से जुड़ कर पोटका विधायक संजीव सरदार का कब्र खोदने में जुटे है। ऐसे लोगों की सूची में पूर्व विधायक प्रतिनिधि पलटू मंडल, पूर्व झामुमो प्रखंड सह सचिव निरूप हांसदा, पूर्व विधायक प्रतिनिधि शंकर मुंडा समेत दर्जनों नाम शामिल है,जो इस बार भाजपा के साथ खड़े है और झामुमो के खिलाफ खुल कर आने से पोटका विधायक की परेशानी बढ़ा सकते हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पोटका में जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक संघर्ष मोर्चा प्रत्याशी सह पूर्व झामुमो के कद्दावर नेता भागीरथी हांसदा के मैदान में कूदने से पोटका में मुकाबला त्रिकोणीय के साथ साथ रोचक हो गया है। वहीं कई लोग इस विधानसभा सीट से नए चेहरे की तलाश भी कर रहे है। बहरहाल फैसला जनता के हाथ में है जबकि लोगों की निगाहे आगामी 13 नवम्बर के मतदान पर टिकी है। जबकि पोटका विधायक संजीव सरदार अपनी क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका के सहारे चुनाव मैदान में कूदे है। जनता उनके कामों पर कितना भरोसा जताती है व वोट में कितना तब्दील हो पाती है यह चुनावी परिणाम के बाद ही पता चलेगा।
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