◆पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी ग्राम प्रधान के खिलाफ राज्यपाल से करेगे शिकायत- दुर्गाचरण मुर्मू
जादूगोड़ा : प्राथमिक विद्यालय जगन्नाथपुर( गालूडीह ) में माझी परगना महाल की ओर से मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई।बैठक में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को सशक्त करते हुए जल, जंगल, जमीन, आदिवासी पारंपरिक रीति रिवाज, पूजा पद्धति, धर्म संस्कृति आदि पर चर्चा की गई। इस मौके पर पारगना बाबा दसमत हांसदा ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रत्येक माझी बाबा अपने-अपने गांव में स्वशासन व्यवस्था के मान्यता अनुसार ग्राम सभा का संचालन करें। आदिवासियों के सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं संवैधानिक अधिकार के विषय पर गांव में ग्राम सभा कर एक कार्यक्रम बनाएं एवं समाज के विकास में सभी ग्रामीणों को योगदान देने के लिए प्रेरित करे। इस मौके पर देश पाराणिक दुर्गा प्रसाद मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में असंवैधानिक रूप से ग्राम प्रधान नियुक्त करते हैं और कई तरह के सरकारी कार्यों में योजनाओं में बाधा डालते हैं व गांव घर में अशांति का माहौल पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि विगत दिनों पूर्वी सिंहभूम जिला में सर्वे कर यह जानकारी प्राप्त हुई है कि गैर आदिवासी भी अपने आप को ग्राम प्रधान साबित करते हुए विभिन्न तरह के सरकारी योजना में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जो सरासर गलत है। इसलिए माझी परगना महाल, धाड़ दिशोम, कोल्हान आयुक्त एवं जनजाति आयोग सहित महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर आग्रह किया है कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर आदिवासी सदस्य जो स्वयं को प्रधान घोषित कर सरकार के पास मान्यता हेतु आवेदन किया गया है, उनको निरस्त किया जाए ताकि कानून का उल्लंघन ना हो और परगना बाबा के द्वारा सत्यापित माझी बाबा, मुंडा बाबा एवं सामाजिक पदाधिकारी को ही मान्यता दिया जाए। इस संबंध में बहुत जल्द महाल के सदस्य मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से पारगना बाबा हरिपदो मुर्मू, देश पारानिक दुर्गाचरण मुर्मू, देश जायरेत बिरेन टुडू, मार्शल मुर्मू, जगन्नाथपुर के माझी बाबा मोहन मार्डी, सुनील कुमार टुडू, फते टुडू, पुरुषोत्तम सोरेन, कारिया सोरेन, श्याम मार्डी, बुधराय हांसदा, सोनाराम मुर्मू, दिकू हेमाराम, विनोद मार्डी, जितेन मार्डी, रवींद्रनाथ सोरेन, फिरोज मार्डी, रायसेन मुर्मू, सुकलाल मुर्मू, शिव टुडू, मार्शल मुर्मू , आरती हांसदा, देवला टुडू, शुरुवाली हांसदा, शांखी टुडू, अनुपमा सोरेन, आलादी हांसदा समेत काफी संख्या में समाज के लोग शामिल थे।
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