गम्हरिया : आनन्दमार्ग प्रचारक संघ, सरायकेला-खरसावां की ओर से द्वारा जिले के सरायकेला, सीनी, कांड्रा, गम्हरिया, आदित्यपुर समेत सभी यूनिटों में कौशिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित साधकों द्वारा कौशिकी नृत्य का अभ्यास किया गया। बताया जाता है कि आनन्दमार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनन्दमूर्तिजी ने आज के दिन ही विगत 6 सितंबर'1978 को कौशिकी नृत्य का प्रवर्तन किया था। तबसे इस दिन को कौशिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित आनंदमार्ग प्रचारक संघ के जिला भक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने कौशिकी नृत्य की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नृत्य शारीरिक और मानसिक रोगों की महा औषधि है। विशेषकर महिला जनित रोगों के लिए रामबाण है। इस नृत्य के अभ्यास से 22 प्रकार के रोग दूर होते हैं। सिर से पैर तक अंग-प्रत्यंग और ग्रंथियों का व्यायाम होता है और मनुष्य दीर्घायु होता है।यह नृत्य महिलाओं के सुरक्षित प्रसव में भी सहायक है। इससे मेरुदंड, कंधे ,कमर, हाथ और अन्य संधि स्थलों का वात रोग दूर होता है। मन की दृढ़ता और प्रखरता में वृद्धि होती है। साथ ही, 75 से 80 वर्ष की उम्र तक शरीर की कार्य दक्षता को बनाए रखता है। इस मौके पर भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर काफी संख्या में आनंदमार्ग के साधक उपस्थित थे।
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