रांची(Ranchi) : खोरठायं गीत संगीत कर इतिहास टा ढेइर पुरान हइ। इतिहासेक सबले पुरान लोक गीत आर लोक कथा हल। अइसन मानल जा हइ जे हाड़ी राम ,तितकी राय आर चामु कमार ,विनदिया इ सब पहिला राजा महाराजा घारे गान बजना ,गीत संगीत कर हला। हुवें से खोरठा भासाक गीत संगीतेक परिया चलल।समयेक अनुसारे दिन ब दिन खोरठा गीत संगीतेक बिकास हवे लागल।पीढ़ीक पीढ़ी चलेइत रहल , आर आगू चइल के एगो रीझ रंगेक साधन बइन गेल। माँझे माँझें त झूमइर झुमटा, नचनी नाच आर नेगाचारी में बिकास हेवइते गेल। आर रसें रसें खोरठा गीत संगीत बिकास हवे लागल।
लोक गावें गावें नाच गान करइते रहा हला । वर्तमान समयें कुछ माइंनगर लोक गायक, गीतकार किताबें आर केसेटें खोरठा गीत के ठावँ देला जेरम बालगोविंद प्रजापति , नारायण महतो , घासीराम महतो , दिनेश दिनमणि, सुकुमार , प्रदीप कुमार दीपक,विनय तिवारी, शिवनंदन पांडेय " गरीब" बासु बिहारी इ सोब आबगा पहरेक ढेइर बोड़ लोक गायक ,गीतकार , साहित्यकार हका। सभे में इनखर सोब के जोगदान हइन आर एखनो कइर रहल हथ।
लागले लागल गौतम महतो( भतुआ, बोकारो कर) ,मनोज देहाती (नेरकोपि, तोपचांची कर) ,आर विनय तिवारी,( रोवाम, तोपचांची कर) , जी अइला आर ई सभे मिइल के खोरठाक आबगा पहरें खोरठा गीत संगीत के एगो बिसेस ठाँव देला । खोरठा गीत संगीत के थापित करें में आर राष्ट्रीय स्तरें परचवे में, पसरवें में गौतम महतो, मनोज देहाती आर विनय तिवारी कर बहुत बोड़ जोगदान हइ। तकर पेछुं सतीश दास, चंचल, घनश्याम महतो आरो कते कते झन खोरठाक बिकसें लागल हथ। जेरम फिलिम छेतरें अमन राठौर ,कमलेश पांडेय, बिक्रम रवानी आरो झनां। खोरठा गीतकार विनय तिवारी जी हजारों हजार गीत लिइख के खोरठा जगतें एगो भिनु ठाँव बनइला। ई बम्बईया फिलिम जगत कर माइनगर गायक कुमार सानू, उदित नारायण ,सपना अवस्थी से खोरठा गीत भी गवइला। एखन त झारखंडेक चाइरों बाटें खोरठा गीत संगीत सुने बा देखल जाइ पारे।
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