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सीएम हेमन्त सोरेन ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षित 1500 नवनियुक्त शिक्षकों के बीच बांटे नियुक्ति पत्र CM Hemant Soren distributed appointment letters among 1500 newly appointed postgraduate trained teachers

रांची(Ranchi) : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के हाथों शुक्रवार को 1500 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। नियुक्ति पत्र पाकर सभी शिक्षकों के चेहरे खुशी से चमक उठे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि आपके ऊपर बच्चों के भविष्य निर्माण की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के कौशल विकास पर सरकार का विशेष जोर है। यहां विभिन्न माध्यम से युवाओं के हुनर को निखारने के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आज यहां के हुनरमंद युवा देश के साथ विदेशों में भी अपने कार्यों से हर किसी का दिल जीत रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में बदलाव लाना है तो हर व्यक्ति का शिक्षित होना जरूरी है। शिक्षा से सोच बदलती है। यह आगे बढ़ने का राह दिखाती है। इसी वजह से हमारी सरकार शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत बना रही है। कहा कि हमारी सरकार ने 80 स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खोले हैं। यहां निजी विद्यालयों से भी बेहतर शिक्षा की व्यवस्था है। इन स्कूलों की संख्या और बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है। कहा है कि हमारी कोशिश है कि सरकारी और निजी विद्यालयों के बीच पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का अंतर नहीं रहे। यहां के गरीब बच्चों को इन विद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह सरकारी विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं , उसी तरह यहां की आने वाली पीढ़ी को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए एक्सीलेंट टीचर्स भी दे रहे हैं, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी एक्सीलेंट रिजल्ट दे सके। मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले शिक्षकों से कहा कि आप अपने को इस रूप में तैयार करें कि आपकी पहचान एक्सीलेंट टीचर के रूप में हो। मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त शिक्षकों से कहा कि झारखंड जैसे राज्य में जनजातीय और स्थानीय भाषाओं की काफी अहमियत है ऐसे में एक बेहतर शिक्षक के रूप में स्थापित होने के लिए आपको स्थानीय भाषाओं की जानकारी बेहद जरूरी है। इतना ही नहीं, बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ स्थानीय भाषाओं में भी संवाद करें, जिससे आत्मीय लगाव की भावना पनपेगी, जो इस राज्य की भाषा, संस्कृति परंपरा को अक्षुण्ण और आगे बढ़ाने में कारगर होगा। समारोह में मंत्री रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, बैद्यनाथ राम, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्कर्ष गुप्ता समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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