गम्हरिया : प्रखंड के रपचा पंचायत अंतर्गत पिण्ड्राबेड़ा में अखिल भारतीय आदिवासी मूलवासी रक्षा मोर्चा की एक बैठक केंद्रीय अध्यक्ष संग्राम मार्डी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से विकास के नाम से विभिन्न प्रकार की योजनाएँ बनाई गई है। कहा कि यह क्षेत्र पांचवी अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत है जिसमे सर्वप्रथम ग्रामीणों के साथ ग्राम सभा कर योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित की जानी है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा पहल किए बिना उल्टे ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज करवा कर योजनाओं का कार्य किया जाता है। मार्डी ने कहा कि सरायकेला खरसावां जिले में विकास के नाम पर बड़े बड़े उद्योगों की स्थापना, जलाशय का निर्माण, ग्रामीणों की रैयती जमीन के बीचोबीच सड़क चौड़ीकरण की जा रही है। कहा कि इस क्षेत्र में औद्योगिक निर्माण से सम्पूर्ण क्षेत्र में जल और वायु पूर्ण रूप से प्रदूषित हो चुकी है, जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियो से आसपास के लोग ग्रसित हो चुके हैं। इसके अलावा स्थानीय कंपनियो में दैनिक मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी दर भी नहीं दी जाती है। कारखाना अधिनियम 1972 के नियम 25 के उप नियम 25 खण्ड बी में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा में उल्लेखित की गई है। लेकिन इस संशोधन नियम कानून को प्रबंधक द्वारा सीधे उल्लंघन करते हुए मजदूरों का शोषण व जुल्म और उनपर अत्याचार किए जाते है। उन्होंने कहा कि इस बाबत शीघ्र ही क्षेत्र के ग्रामीण एकजुट होकर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे पूर्व निजी कंपनियों के विरुद्ध केंद्रीय श्रम मंत्रालय, श्रम मंत्रालय झारखंड सरकार रांची, प्रधानमंत्री एवं स्थानीय संबंधित विभागीय पदाधिकारियों से लिखित शिकायत की जाएगी। बैठक में अखिल भारतीय आदिवासी मूलवासी रक्षा मोर्चा के अध्यक्ष शिवनाथ बेसरा, सोमाय मार्डी, सुराय बेसरा, कालीचरण हांसदा, कालीपदो सिंह सरदार, मोहन बास्के लखविंदर हांसदा समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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