●आदिवासी भूमिज समाज ने जिले में भाषावार पद सृजन में इस समाज अनदेखी पर जताई नाराजगी, पद बढ़ाने की उठाई मांग
जादूगोड़ा : पूर्वी सिंहभूम जिले में भूमिज भाषा के मात्र छह सरकारी शिक्षको का पद सृजन का भूमिज समाज का विरोध तेज हो गया है।आदिवासी भूमिज समाज के अध्यक्ष जयपाल सिंह ने भाषावार पद सृजन में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग पर पोटका समेत पूरे जिले की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए हमला बोला है। इस सिलसिले में आदिवासी भूमिज समाज के अध्यक्ष जयपाल सिंह और सिद्धेश्वर सरदार ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि पोटका भूमिज बहुल क्षेत्र है। ऐसे में पहली से पांचवीं तक के विधार्थी जनजाति भूमिज भाषा से वंचित रह जाएंगे। जिले में 60 प्रतिशत इसी जाति के बच्चे नामांकित है। ऐसे में झारखंड सरकार की प्राथमिक विद्यालय में न्यू एजुकेशन पॉलिसी सिर्फ छलावा साबित होगा। बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करेगे तो गौरवान्वित महसूस करेंगे। इसको लेकर भूमिज भाषा के सरकारी शिक्षको का पद की संख्या बच्चो की संख्या के आधार में पढ़ाने की मांग उठाई है।
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