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चुनाव बहिष्कार को लेकर पोस्टरबाजी में 15 लाख के इनामी माओवादी नितेश समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज Case registered against Maoist Nitesh and others with a reward of Rs 15 lakh for posting posters regarding election boycott

पलामू : लोकसभा चुनाव बहिष्कार को लेकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा चार थाना क्षेत्र में की गई पोस्टरबाजी के मामले में 15 लाख रुपये के इनामी माओवादी नितेश यादव, संजय गोदाराम, सीताराम रजवार समेत कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। ज्ञात हो कि बीते बुधवार की रात भाकपा माओवादियों ने पलामू जिले के हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज और पांडू थाना क्षेत्र में पोस्टर चिपकाए थे। पोस्टर में वोट बहिष्कार समेत कई बातें लिखी थीं। पुलिस ने पोस्टर जब्त कर लिए आगे की कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है।
एसपी रीष्मा रमेशन ने शुक्रवार को बताया कि माओवादी नितेश यादव, संजय गोदाराम समेत कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नितेश यादव बिहार के गया का रहने वाला है, जबकि संजय गोदाराम पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पलामू पुलिस द्वारा जब्त किए गए सभी पोस्टर एक ही हैंडराइटिंग में हैं।
इन जगहों पर लगाए गए थे पोस्टर

माओवादियों की ओर से हैदरनगर प्रखंड क्षेत्र के बरेवा आंगनबाड़ी केंद्र और पैक्स गोदाम पर पोस्टर लगाया गया। इसी तरह भदुवा, लोहरपुरा स्कूल भवन पर पोस्टर लगा मिला है। पांडू प्रखंड क्षेत्र में भी पोस्टरबाजी की गई थी। हुसैनाबाद के महुदंड, मोहम्मदगंज के माहुर आदि क्षेत्रों में भी पोस्टर लगा मिला है। यह सभी इलाका 20 किलोमीटर के दायरे में है। आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पोस्टरबाजी की गई है। सूचना मिलने पर पुलिस सभी जगहों से पोस्टर हटाते हुए कार्रवाई में जुटी हुई है। ग्रामीणों को भरोसा दिलाया जा रहा है कि पुलिस उन्हें सुरक्षा देने में सक्षम है और पोस्टर बाजी से वे भयभीत ना हो। कुछ जगहों पर पोस्टर लगा देखकर ग्रामीणों के द्वारा जानकारी दी गई थी।
क्या लिखा था पोस्टर में
माओवादियों द्वारा लगाए गए हस्तलिखित पोस्टर में 18वीं लोकसभा चुनाव को बहिष्कार करने, जनता की नई जनवादी राज कायम करने, वोट के जरिए केवल सरकार का रंग बदलता है शोषण शासन बंद नहीं होता है। चुनाव के जरिए सरकार बदलकर जनता की एक भी बुनियादी समस्या का हल नहीं होता है। ब्राह्मणीय- हिंदुत्व- फासीवाद राज को ध्वस्त करो, जनता की जनवादी राज स्थापित करो, जल, जंगल, जमीन पर अपना हक कायम करना है तो मजदूर किसानों का अपना राज बनाना होगा। वोट बहिष्कार करें। पुलिसिया राज ध्वस्त करें। जनता की नई जनवादी राज स्थापित करें। भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाना है तो मौजूदा भ्रष्ट व्यवस्था को ध्वस्त कर क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार (आरपीसी) का निर्माण करें। एनआरसी, सीसीए, एनपीआर, नई कृषि बिल, नए श्रम कानून एवं नई शिक्षा नीति से मुक्ति पाना है तो वोट का बहिष्कार करें। सौ चूहा खाकर बिल्ली चली हज करने वाली कहावत को मोदी सरकार, आरएसएस चरितार्थ कर रही है। आम जनता सावधान रहें आदि उल्लेख किया गया है।

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