आदित्यपुर : आदित्यपुर- गम्हरिया विकास समिति की ओर से भारतरत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 133 वी जयंती आदित्यपुर- 2 स्थित कल्याण कुंज सभागार में नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह की अध्यक्षता में मनाई गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन शामिल हुए। उनके साथ उनके सहयोगी छायाकांत गोराई, प्रेस सलाहकार धर्मेंद्र गोश्वामी, रंजीत प्रधान, गोपाल महतो, गुरु प्रसाद महतो आदि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष व आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने हमें शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर के गुरु तथागत बुद्ध, ज्योति राव फुले, कबीर ने पूरे देश को शिक्षा, समानता और मानवता का संदेश दिया था। लेकिन आज कुछ लोग संविधान सम्मत अधिकारों को कटौती करने का असफल प्रयास करने में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों को संविधान सम्मत आरक्षण लेने में 40 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा। तब जाकर 1992 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुई। वर्ष 2018 में सरकार द्वारा एसटी, एससी प्रीवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट को बदलने तथा वर्ष 2019 में 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने का प्रयास किया गया। लेकिन संविधान और सामाजिक न्याय में विश्वास करने वाले लोगों के विरोध के बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। आज सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराया जा रहा है और लैटरल एंट्री के जरिए जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर बहालियां हो रही है। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने अपने अधिकारों को बचाए रखने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर, ज्योति राव फुले, शहीद जयदेव प्रसाद और भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लेकर ही हम सामाजिक न्याय वर्ग के लोगों को मिले संविधान सम्मत अधिकार सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को संविधान की उद्देशयिका का एक फ्रेम समर्पित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत वर्ष के लिए गौरव का दिन है। जिनकी जयंती हम मना रहे हैं उन्होंने देश के संविधान की रचना की थी। जिससे हम लोग एकसूत्र में बंधे है। आज देश में कुछ अवसरवादी लोग संविधान को बदलने की नाकाम कोशिश कर रहे है। ये वो लोग हैं जो देश की संस्कृति को गहराई से नहीं समझ रहे हैं। आज हमें संविधान को बचाना है, लोकतंत्र को बचाना है। हमारे पूर्वजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी से लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराया। आजाद भारत में डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान के जरिए सबको समान अधिकार दिया। आज सामाजिक न्याय विरोधी ताकतें बीच-बीच में दलित पिछड़ों के अधिकारों को काटने की कोशिश करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की धरती से पिछड़ों दलितों के अधिकारों को बचाने के लिए उलगुलान करना होगा, नहीं तो आने वाली पीढियां हमें माफ नहीं करेगी।
कार्यक्रम का संचालन समिति के वरीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने की। उन्होंने संविधान निर्माता द्वारा रचित प्रस्तावना की कॉपी सदस्यों में बांटा और उन्हें संविधान की उद्देशयिका से विस्तार से अवगत कराया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में विनोद जायसवाल, एसएन यादव, उमाशंकर राम, रामजी शर्मा, राजद प्रदेश सचिव देव प्रकाश, लोजपा प्रदेश सचिव मनोज पासवान, एसबी सिंह, पार्षद सिद्धनाथ यादव, डॉ एसके रत्नाकर, कैलाश गुप्ता, कार्तिक चंद्र साहू, प्रमोद गुप्ता, जवाहरलाल सिंह, रघुनाथ प्रसाद सिंह, राजद प्रदेश सचिव राजेश यादव, अश्वनी कुमार सिंह, अर्जुन सिंह, अधिवक्ता संजय कुमार, ओम प्रकाश, यदुनंदन राम, राजेश्वर पंडित, बैजू यादव, भरत राम, रामाशीष यादव, महेंद्र प्रसाद, महेश राम, उदित यादव, आरके अनिल, विमल दास, अरविंद कुमार, ऋषि गुप्ता, अजय ठाकुर, संतोष शर्मा, विवेक राणा आदि उपस्थित थे।
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