गम्हरिया : आनंदमार्ग प्रचारक संघ की ओर से कांड्रा स्थित आनंदमार्ग स्कूल में द्वितीय संभागीय सेमिनार का आयोजन में किया गया। सेमिनार का शुभारंभ मुख्य प्रशिक्षक राजेन्द्र प्रसाद द्वारा आनन्दमार्ग के संस्थापक श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में शिवोपदेश, मंत्र चैतन्य, आर्थिक गतिशीलता आदि विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मनुष्य की शक्ल में इस धरती पर चार मानसिकता वाले लोग हैं। जीव कोटी, मानव कोटी, ईश्वर कोटी और ब्रह्म कोटी के मनुष्य। इसी सोच के अनुसार उनका कर्म करने का सोच बनता है। हर जीव को ब्रह्म का चिन्तन करते करते एक दिन ब्रह्म कोटी में प्रतिष्ठित होना है। ब्रह्म कोटी में जीव को प्रतिष्ठित करने के लिए ही अब तक धरती पर तीन वार महासम्भूति का आगमन हुआ है।जिसमें आज से साढ़े सात हजार वर्ष पूर्व सदाशिव के रूप में, साढ़े तीन हजार वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण के रुप में और वर्तमान में श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के रुप में अवधृत हुए। सेमिनार को भुक्ति प्रधान सुधीर आनंद ने भी सम्बोधित किया। सेमिनार में काफी संख्या में आनंदमार्ग के अनुयायी शामिल हुए।
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