■मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन पहुंचे पैतृक गांव झिलिंगगोड़ा, जिला प्रशासन ने किया स्वागत
गम्हरिया : मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन बुधवार को दोपहर अपने पैतृक गांव सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत गम्हरिया प्रखंड के जिलिंगगोड़ा पहुंचे। अपने गांव पहुंचने पर जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला द्वारा पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। विदित है कि मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन यहां अपने करीबी परिजन के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए आए हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वे सीधे हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव पहुंचे जहां बनाए गए हैलीपैड में सर्वप्रथम उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। वहां से सीधे वे अपने पैतृक घर चले गए। एक दिन प्रवास के दौरान अपने करीबी के श्राद्धकर्म में शामिल होने बाद गुरुवार को वापस रांची लौटेंगे। इस दौरान वे यहां गांव के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे।
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी ने विकास और जनकल्याण के लिए जो नीतियां और योजनाएं बनाई उसे और प्रभावी तरीके से धरातल पर उतारा जाएगा। कहा कि झारखंड को आगे ले जाने के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना होगा। सीएम ने कहा कि राज्य की बुनियादी ढांचा को मजबूत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में विकास और जनकल्याण के लिए जो नीतियां और योजनाएं बनाई, उसे और प्रभावी एवं बेहतर ढंग से धरातल पर उतारने का काम करेंगे। बताया कि राजधानी रांची को जाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर बनाने का काम तेज गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि हेमन्त जी ने सत्ता संभाली ही थी कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने झारखंड समेत पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। दो वर्ष तो सिर्फ कोरोना से जंग में ही गुजर गए। लेकिन, अगले दो वर्षों में उन्होंने जिस तरह अपनी नीतियों और कार्य योजनाओं के माध्यम से विकास को गति दी, उससे झारखंड को अलग पहचान मिली है।
झारखंड को अपने खनिज संसाधनों का नहीं मिल रहा अपेक्षित लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है जो खनिज संसाधनों के मामले में काफी संपन्न है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि इसका फायदा इस राज्य को नहीं मिल रहा है। आज भी यहां के ग्रामीण इलाकों की स्थित अच्छी नहीं है। ग्रामीण वर्षों से तरह-तरह की समस्याओं और परेशानियों को झेलते आ रहे हैं। यही वजह है कि जब हेमन्त सोरेन ने वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री का पद संभाला तो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए। हमारा प्रयास है कि शहरों की तरह गांवों में भी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो। मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से शहर और गांवों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को करेंगे मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली-पानी, सड़क समेत तमाम आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जाएगा। यहां औद्योगिक समूहों को सरकार की ओर से कई रियायत तथा सुविधाएं दी जाएंगी। लेकिन तमाम कंपनियों और संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थानीयों को 75 प्रतिशत नौकरी देनी होगी। सरकार ने इस बाबत जो कानून बनाया है उसे हर हाल में पालन करना होगा।
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