जादूगोड़ा : डीएई की राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता के पांचवे दिन शेखर व अरविंद की तबला जोड़ी ने दर्शकों को आकर्षित किया। वही, संध्या समय कैप फायर नाइट ने प्रतिभागियों में नया जोश व उमंग भर दिया। ऊर्जा विभाग के 38वें बार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के पांचवे दिन के कार्यक्रम हिंदुस्तानी, कर्नाटक और पश्चिमी के तहत वाद्य और ताल थे। कार्यक्रम की शुरुआत महाप्रबंधक (ईएस) एचके शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम में देश के जाने-माने संगीतकार निर्णायक थे। जब बीएआरसी मुंबई से शेखर पाटिल और एएमडी से एम.अरविंद की मंत्रमुग्ध जोड़ी ने तबला और हारमोनियम पर जुगलबंदी की तो हर कोई संगीत के सागर में डूब गया। बीएआरसी तारापुर के दृष्टिबाधित प्रणय बेलेकर के प्रदर्शन को भी सभी ने सराहा। आठ टीमों के प्रतिभागी; गोलकुंडा, द्वारका, यूसील की कोणार्क टीम, अजंता, एलोरा, रामेश्वरम, नागार्जुन और पुष्कर ने कई शास्त्रीय वाद्य यंत्र, तबला, हारमोनियम, सितार, माउथ ऑर्गन, बांसुरी, ढोलकी, ढपली आदि बजाए। निर्णायकों के सम्मान से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। संध्या में गोलकोड़ा टीम ने केटी मांजरेकर, शेखर पाटिल, प्रणय मांजरेकर, विपिन कुमार शर्मा, सुचिता, कुणाल, हरि शर्मा, अरविंद और अनुराग के निर्देशन में कई भक्ति भजन प्रस्तुत किए। बार्क के एनके योगी ने बताया कि वे 20 वर्षों से नियमित रूप से इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और इससे सभी डीएई इकाइयों की समग्र एकता में मदद मिली है। म्यूजिकल नाइट के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम कैंप फायर का प्रतिभाशाली समूहों ने गायन और नृत्य के साथ आनंद लिया। इस मौके पर हेमन्त हल्दानिया, पंकज, रिया गुप्ता, जीतेन्द्र सिंह, प्रफुल्ल खोडके, स्वप्निल डिंगारकर, यूसुफ पाटन, कमलेश सुथार नंदकिशोर कोयंदे, स्वाति धावले, विक्रांत फंद, नूतन तिवारी, अभिजीत पाटिल, प्रियंका नागवेकर, सचिन सोनार, कामिनी हल्दानकर, पन्ना, हेमंत हल्दानिया, पंकज कुमार, यूसुफ, रिया गुप्ता, स्वप्निल डिंगरकर, प्रफुल्ल, मुरारी, राहुल सोनी, मिरियाला हुसैन, अनिल दाभाडे, पन्ना, कोटेश्वर राव समेत कार्यक्रम के दौरान देश भर के विभिन्न कोनों से आए प्रतिभागी उपस्थित थे।
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