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प्रदेश की चम्पई सोरेन सरकार ने सदन में साबित किया बहुमत State's Champai Soren government proved majority in the House


सरकार के पक्ष में 47 मत और विपक्ष में पड़े 29 मत
रांची(Ranchi) : प्रदेश की चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा सदन में बहुमत हासिल कर लिया है। विशेष सत्र के पहले दिन विश्वास मत की वोटिंग के दौरान सत्ता पक्ष के समर्थन में 47 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 29 वोट आए। इससे पहले नए सीएम चंपई ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। इस चर्चा के लिए 1.10घण्टे का समय निर्धारित किया गया था। झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। इससे पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा में अभिभाषण दिया। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो राज्यपाल को सदन के बाहर छोड़कर सदन में आए। सरकार के विश्वास मत कार्यवाही के लिए स्पीकर ने स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन, निरल पूर्ति और रामचंद्र सिंह को उप सभापति मनोनित किया। तत्पश्चात सदन की कार्यवाही शुरू हुई जिसमें मुख्यमंत्री
चंपाई सोरेन ने अपनी सरकार की ओर से सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। मुख्यमंत्री ने अपनी बात यह कहते हुए शुरू की कि हेमंत बाबू हैं तो हिम्मत है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार की शुरुआत की गयी थी, लेकिन सरकार बनने के बाद से ही भाजपा ने सरकार को गिराने और अस्थिर करने की कोशिश प्रारम्भ कर दी। सरकार बनते ही कोरोना महामारी आ गई। लेकिन हेमंत सोरेन ने किसी को भूखे मरने नहीं दिया। राज्य के बाहर पलायन कर रहे मजदूरों को हवाई जहाज से झारखंड लाया गया। इसके बाद जब कोरोना महामारी खत्म हुई तो सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू किया। पहले से ही राज्य में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति काफी खराब थी। हेमंत की सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया। किसी की भी भूख से जान नहीं गई। लेकिन फिर से ये लोग सरकार को गिराने और अस्थिर करने की कोशिश में लग गए। अंतत: इन लोगों ने अपनी एजेंसी द्वारा हमारे हेमंत बाबू को जेल भेजा और सरकार गिरा ही दिया। चंपई सोरेन ने कहा कि हम हेमंत सोरेन के सभी काम और योजनाओं का आगे लेकर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि क्या गरीब के बच्चे को विदेश जाकर पढ़ने का हक नहीं है। हेमंत बाबू ने गरीब बच्चों को विदेश भेजा। राज्य बनने के बाद यहां विपक्ष की सरकार बनी। झारखंड के खनिज और माइंस को लूटा गया। आदिवासी मूलवासी को क्या मिला? उन्होंने कहा कि जब-जब यहां आदिवासी मूलवासी की सरकार बनती है, इन्हें दर्द होने लगता है। एक ऐसे मामले में हेमंत बाबू को जेल भेजा गया, जिसका न खाता है और न बही। हेमंत बाबू जनता के दिल में दीया जलाकर आए हैं, भाजपा के लोग उसे कैसे मिटा पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, हां हम कहते हैं कि हम हेमंत पार्ट 2 हैं। शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का नाम मिटने नहीं देंगे। सोरेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि सात करोड़ का घोटाला करने वाले भानू प्रताप शाही पर ईडी की कार्रवाई नहीं हुई। क्योंकि भानू उधर चले गए। विपक्ष हमारे विकास को बर्दाश्त नहीं कर सका, इसलिए विपक्ष ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करवा दिया। आज फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ रहा है, जिसे 2019 में ही हासिल कर लिया था। ये लोग देश में अजीब हालात पैदा कर दिए हैं। कहा कि ऊपर वाले के घर में देर है, अंधेर नहीं। हमारा राज्य अमीर है, लेकिन यहां के आदिवासी मूलवासी काफी गरीब हैं। यहां के गरीबों के पैर में चप्पल तक नहीं है। आखिर ऐसा क्यों है? इसी को सुधारने का काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिस गांव में डीसी, डीडीसी और तमाम अधिकारी नहीं पहुंचे थे वहां आपकी योजना, आपकी सरकार योजना की वजह से सरकार पहुंची। क्या ऐसा करना गुनाह है।

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