◆मामला अवैध तरीके से गंगा नदी से स्टोन बोल्डर भेजने का
◆डीसी के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय कमिटी को सौंपनी है रिपोर्ट
साहिबगंज : जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने, जलीय जीव-जंतु, डॉल्फिन के संरक्षण व संवर्धन हेतु एनजीटी ईस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका संख्या-162 /2023 की सुनवाई मंगलवार को पीठ के जुडिशियल मेंबर न्यायमूर्ति बी. अमित स्टालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डॉ0 अरुण कुमार वर्मा करेगी। सुनवाई में भाग लेने याचिकाकर्ता अरशद नसर कोलकाता पहुँच गए हैं। अरशद ने एनजीटी में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाया है कि मेसर्स मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरपुर व मेसर्स जी.के इंटरप्राइजेज मालदा द्वारा सरकारी पदाधिकारियों के साथ तालमेल कर नियम कानून का खुला उल्लंघन कर झारखण्ड राज्य के एकमात्र साहिबगंज जिला से गुजरने वाली गंगा नदी से स्टोन बोल्डर बिहार के कटिहार जिले में बहुत ही बड़े पैमाने पर भेजा गया है जिससे गंगा नदी प्रदूषित हुई है और जलीय जीव-जंतु संरक्षित डॉल्फिन को भारी नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग अरशद ने एनजीटी से की है। इस मामले में नमामि गंगा क्लीन मिशन भारत सरकार के निदेशक, राज्य के खान सचिव, खान निदेशक, जिले के उपायुक्त, डीटीओ, कटिहार जिले के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता और स्टोन बोल्डर सप्लायर को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश एनजीटी ने दिया है। साथ ही, जिले के डीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय गठित कमेंटी जिसमें केंद्रीय प्रदुषण बोर्ड दिल्ली व झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक रहेंगे को स्थलीय जांच कर रिपोर्ट एनजीटी में सौंपनी है। आज की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई है।
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