सरायकेला : शनिवार को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सरायकेला नगर वासियों को 334 करोड़ 12 लाख 36 हजार रुपये की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने सरायकेला के विकास के लिए 220 योजनाओं की आधारशिला रखी। साथ ही, 11, 617 लाभुकों के बीच 34 करोड़ 29 लाख 10 हजार 731 रुपये की परिसंपत्तियों का उन्होंने वितरण भी किया। मुख्यमंत्री शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल रिनोवेशन के उद्घाटन समारोह सह परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस मौके पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कलानगरी सरायकेला छऊ नृत्य के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसकी मिट्टी में कला बसती है। इस कला को और आगे ले जाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरायकेला में छऊ नृत्य कला अकादमी की स्थापना होगी जिसका लाभ यहां के कलाकारों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा की छऊ नृत्य को एक अलग पहचान देने के लिए छऊ पार्क का भी निर्माण भी कराया जाएगा। सीएम ने कहा कि सरायकेला के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां पाउड़ी और झुमकेश्वरी देवी को भी विश्व स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। मरीन ड्राइव का निर्माण कर विश्व स्तर की पहचान सरायकेला जिले को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी-मूलवासियों के विकास को लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को चलाकर लोगों को इसका सीधा लाभ दिलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंडी महिलाएं जीवन यापन करने के लिए हड़िया बेचती हैं। अब उन्हें 50 हज़ार रुपए स्वरोजगार ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। कहा कि आधुनिक टाउन हॉल निर्माण पूरा होने के बाद प्रस्तावित 100 बेड का अस्पताल भी मॉडल अस्पताल में शामिल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड को एक ऐसा आदर्श राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हर व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत होगा। समाज में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। हर किसी को पूरे मान- सम्मान के साथ हक- अधिकार मिलेगा। राज्य वासियों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी । कोई भी बुजुर्ग बिना पेंशन के नहीं रहेगा।
खनिज संसाधनों से धनी हैं पर आदिवासी मूलवासी गरीब
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज संसाधनों के मामले में देश के सबसे धनी राज्यों में एक है। यहां के कोयला, लोहा, तांबा, सोना और यूरेनियम जैसे खनिजों से देश- दुनिया जगमग कर रहा है। लेकिन, इस राज्य के जो आदिवासी- मूलवासी हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल सका। आज भी उनके साथ गरीबी और पिछड़ेपन का टैग लगा है। अब हमारी सरकार यहां के स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाने के लिए कृत संकल्पित है और इस दिशा में सभी समुचित कदम उठाए जा रहे हैं।
राज्य की बुनियादी समस्याओं का हो रहा समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 23 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन यहां की बुनियादी समस्याओं को दूर करने की दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। 2019 में हेमन्त सोरेन जी के नेतृत्व में सरकार बनने के उपरांत यहां की बुनियादी समस्याओं के समाधान का सिलसिला शुरू हुआ। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को सशक्त करने की दिशा में कदम उठाए गए। उन्होंने झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए जो कार्य शुरू किए, वे निरंतर जारी रहेंगे। उनकी सोच के अनुरूप झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए हम पूरी ताकत के साथ काम करेंगे।
हर किसी को रोटी ,कपड़ा और मकान उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर व्यक्ति को रोटी, कपड़ा और मकान उपलब्ध हो, यह सरकार की
सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक राज्य के हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। हमारी सरकार अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख लोगों को पक्का मकान देगी। पहले चरण में दो लाख लाभुकों का आवास स्वीकृत किया गया है और तीन महीने के बाद एक साथ 9 लाख लोगों को मकान का स्वीकृति पत्र दिया जाएगा।
सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक राज्य के हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। हमारी सरकार अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख लोगों को पक्का मकान देगी। पहले चरण में दो लाख लाभुकों का आवास स्वीकृत किया गया है और तीन महीने के बाद एक साथ 9 लाख लोगों को मकान का स्वीकृति पत्र दिया जाएगा।
बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को कर रहे हैं मजबूत
मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम तेजी से हो रहा है। राज्य में लगभग 15 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो रहा है तो खेतों में भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचने की दिशा में कदम बढ़ गए हैं। शहर और गांव के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 50 हज़ार रुपये की सहायता दी जा रही है। राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क जैसी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। वहीं, इस राज्य के सभी धार्मिक और पर्यटक स्थलों को संरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार की योजना कारगर साबित हो रही है।
शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ेगा, जब लोक शिक्षित होंगे। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में निजी स्कूलों की तर्ज पर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं। छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना इज़ाफ़ा किया गया है। बच्चियों की पढ़ाई ना छूटे, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है। विदेश में उच्च शिक्षा के लिए शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप सरकार दे रही है। बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनें, इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है। गुरुजी वहीं, क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को आसानी से 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध दिया जा रहा है, ताकि उनका बेहतर भविष्य बन सके।
इस अवसर पर सांसद गीता कोड़ा, विधायक दशरथ गागराई, सविता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, नगर विकास विभाग के सचिव अरवा राजकमल, सोडा के निदेशक अमित कुमार समेत कोल्हान के प्रमंडलीय आयुक्त तथा जिले के उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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