गम्हरिया : जियाडा द्वारा उद्योग लगाने के लिए जमना ऑटो लिमिटेड को 13.50 एकड़ जमीन आवंटित किया गया है। उक्त जमीन पर कब्जा करने पहुंचे जमना ऑटो को ग्रामीणों का भारी आक्रोश झेलना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से कंपनी यहां कब्जा करने को लेकर जद्दोजहद कर रही है, मगर अब जाकर कंपनी सीमांकन करने के करीब है। इससे पूर्व कंपनी को करीब 2 एकड़ जमीन की कुर्बानी देनी पड़ी है, बावजूद इसके ग्रामीणों का विरोध जारी है। हालांकि जिला प्रशासन और कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों के ज्यादातर मांगों को मान लिया गया है। इसके तहत करीब डेढ़ एकड़ भूमि में खेल का मैदान विकसित करने, गांव के आसपास सीएसआर के तहत विकास करने, गांव के युवाओं को हाउसकीपिंग के तहत रोजगार मुहैया कराने पर कंपनी सहमत हो गई है और खेल के मैदान को विकसित करने का काम शुरू करा चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार किसी भी कंपनी को स्थापित करने से पहले ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य है। प्रशासन जिस ग्राम सभा का दावा कर रही है वो फर्जी है। ग्रामीणों ने बताया कि सभी झामुमो के नेता हैं और मंत्री चंपाई सोरेन के आदेश पर माझी बाबा और ग्राम प्रधान बने हैं। जो मंत्री के इशारे पर कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। शुक्रवार को हथियाडीह के सैकड़ों ग्रामीण जुटे और ग्राम सभा कर शंभु मार्डी को माझी बाबा और रतन लाल महतो को ग्राम प्रधान चुना। साथ ही सदस्य के रूप में स्वप्न महतो, पवित्र महतो, संजय बेसरा, फागू हांसदा, लक्ष्मण सोरेन, रेणुका महतो, सरिता महतो, पिंकी बेसरा,अनिता हेम्ब्रम और विनीता महतो को चुना। ग्रामीणों ने बताया कि ऋषि राज हांसदा जो खुद को माझी बाबा और रश्मि मुर्मू जो खुद को ग्राम प्रधान बता रही हैं वे इस गांव के हैं जरूर, मगर इस मामले में कभी ग्रामसभा नहीं किया और ना ही कोई बैठक की। कागजों पर ग्राम सभा कर गांव के पारंपरिक खेल के मैदान और सड़क का सौदा कर दिया। उन्होंने बताया कि हम ग्रामीण अपने हक और अधिकार के लिए तड़पते रहे और मंत्री के इशारे पर प्रशासन ने उनके अस्तित्व और अरमानों की हत्या कर दी जिसे हम कभी माफ नही कर सकते। इधर खुद के साथ हुए नाइंसाफी के लिए ग्रामीणों ने सीधे तौर पर मंत्री चंपाई सोरेन को दोषी ठहराया है। शुक्रवार को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान रश्मि मुर्मू और झामुमो नेता रंजीत प्रधान का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ग्रामीणों ने अबुआ दिशुम- अबुआ राज का नारा देनेवाली सरकार और मंत्री चंपाई सोरेन के विरोध में जमकर नारेबाजी भी किया। ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन सरकार को आदिवासियों- मूलवासियों का विरोधी करार दिया और इसका बदला आगामी चुनाव में लेने की बात कही। बता दें कि हथियाडीह को मंत्री चंपाई सोरेन का गढ़ माना जाता रहा है। यहां के ग्रामीणों को उनपर काफी आस्था थी। विगत वर्ष यहां के घरों को आयडा द्वारा तोड़ा जा रहा था, लेकिन तत्कालीन झामुमो जिलाध्यक्ष रंजीत प्रधान ग्रामीणों के आंदोलन में कूद पड़े थे और आयडा की जद में आ रहे घरों को बचाया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जानी पड़ी थी। मगर अब हालात उल्टा पड़ गया है। ग्रामीण अब झामुमो नेताओं और मंत्री चंपाई सोरेन को ही अपना दुश्मन मानने लगे हैं। शुक्रवार को ग्राम सभा कर ग्रामीणों ने अपनी लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। साथ ही कथित ग्राम प्रधान ऋषि राज बेसरा और उनकी पत्नी पूर्व पार्षद रश्मि मुर्मू का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अब वे न्यायालय का रुख करेंगे। इधर, शुक्रवार को भी एसडीओ पारुल सिंह, डीएसपी मुख्यालय चंदन वत्स, सीओ गिरेन्द्र टूटी, आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार, गम्हरिया थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे, ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजेश कुमार पूरे लावलश्कर के साथ मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान निर्माण स्थल पर ग्रामीणों ने विरोध नहीं किया। एसडीओ ने अपनी मौजूदगी में प्रभावित मकानों का बाउंड्री और शौचालय निर्माण कराया। साथ ही, कुछ ग्रामीणों के राशन कार्ड की स्वीकृति भी दिलाई। उन्होंने ग्रामीणों से जिले में चल रहे आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार" शिविर में पहुंचकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी होने नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं एसडीओ ने कंपनी के अधिकारियों से प्रभावित ग्रामीणों को तत्काल कंपनी में काम देने का निर्देश दिया, जिसे कंपनी के अधिकारियों ने मान लिया हैं।
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