◆यूसील की नरवा पहाड़ यूरेनियम प्रोजेक्ट आडोटोरियम में न्यूक्लियर पावर पर आयोजित सेमिनार में वैज्ञानिकों ने नई शोध का किया खुलासा
जादूगोड़ा : यूसील की नरवा पहाड़ यूरेनियम प्रोजेक्ट के आडोटोरियम में न्यूक्लियर पावर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं प्रवेश समूह के निदेशक व वैज्ञानिक डॉ0 डीके अस्वाल ने कहा कि एक वर्ष बाद यूसील की टेलिंग पौंड में पड़ी 40 लाख टन यूरेनियम मुक्त अयस्क से देश में सड़कें व घर का निर्माण किया जाएगा। देश में इस नई खोज के बाद यूरेनियम अयस्क की पिसाई के बाद टेलिंग पौंड में उसे एकत्रित करने व उसके सुरक्षित रख-रखाव पर होने वाले सालाना करोड़ों रुपए खर्च पर रोक लगेगी वहीं, इसके सरक्षण को लेकर जमीन अधिग्रहण में आने वाले बाधाओं से भी राहत मिलेगी। जिसका इंतजार वर्षो से यूसील प्रबंधन को थी। न्यूक्लियर पावर को लेकर सोमवार को आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक डॉ0 अस्वाल ने कहा कि टेलिंग पौंड से बनने वाला घर लाल ईंट से काफी मजबूत साबित हुआ है व प्रदूषण मुक्त भी है। उन्होंने कहा कि यूसील की टेलिंग पौंड में रखी 40 लाख टन यूरेनियम मुक्त अयस्क से बने सड़क व घर से देश समेत यूसील की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इससे कोई हानि भी नही है। फिलहाल लोग पहाड़ को काटकर उसके रेत से सड़क व ईट बना रहे है जो पर्यावरण को नुकसान के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता को भी नाश कर रही है। उन्होंने जानकारी दी की यूरेनियम माइंस पूरी तरह से सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त है। कार्य के दौरान यूरेनियम का डोज मिलने पर वह पेशाब की तरह निकल जाता है जिससे मानव जीवन पर कोई खतरा नही होता है। विदेशी ताकतें भारत को कमजोर करने के लिए यूरेनियम को लेकर भ्रामक खबरें फैलाती है। बीते एक साल के शोध के बाद इस अनुपयोगी यूरेनियम मुक्त अयस्क से सड़क व मकान बनाने में देश के वैज्ञानिकों को सफलता मिली है। जरूरत है क्षेत्र के स्थानीय ठीकेदार इसका उपयोग मकान व सड़क बनाने में आगे आएं ताकि देश के योगदान में अहम रोल अदा कर सके। इस समारोह में यूसील के तकनीकी निदेशक राजेश कुमार, उप महाप्रबंधक राकेश कुमार, आईएसओ हेड केके राव समेत ग्रुप ए व ग्रुप बी स्तर के वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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