सरायकेला : जिले से कुपोषण को दूर करने तथा कुपोषित बच्चो के पहचान को लेकर शनिवार,15 दिसंबर से आईसीडीएस द्वारा वृद्धि निगरानी सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे जिसके तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी के पूर्व 0-5 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाएं, धातृ माताएं तथा 14 से 18 वर्ष की बालिकाओं की वृद्धि की निगरानी की जाएगी। उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर ने बताया कि कुपोषण की समय पर पहचान के लिए नियमित रूप से वृद्धि की निगरानी जरूरी है ताकि कुपोषित बच्चों में कुपोषण को समय से दूर करने की योजना से लाभान्वित करते हुए जरूरी सलाह दी जा सके। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन सप्ताह का आयोजन कर सभी बच्चों की वृद्धि माप की जाएगी।
वीएचएसएनडी के दिन चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों का एएनएम द्वारा स्वास्थ्य जांच की जाएगी। अति गंभीर कुपोषित बच्चों, जिन्हें पोषण के साथ चिकित्सा की भी आवश्यकता है उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) रेफ़र किया जाएगा। अन्य कुपोषित बच्चों के माता-पिता एवं देखभालकर्ता को आहार विविधता, उच्च ऊर्जा युक्त भोजन, व्यतिगत स्वच्छता पर परामर्श एवं स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सेवाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि विभागीय निर्देश के तहत जिले के परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को वृद्धि निगरानी के संबंध में जानकारी दी जा चुकी है ताकि वृद्धि निगरानी के सभी आंकड़ों की इंट्री पोषण ट्रैकर एप में दर्ज की जा सके। इसके लिए प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह को वृद्धि निगरानी सप्ताह के रूप में आयोजित करते हुए मापित आंकड़ों का पोषण ट्रैकर में इंट्री कराना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल अवस्था में विकास की तीव्र गति को देखते हुए समय-समय पर वृद्धि और विकास की गति और दर की पहचान किया जाना जरूरी है। बताया कि नियमित निगरानी से शारीरिक माप में आए अंतर की पहचान होती हैं और माता-पिता को सही समय पर उचित परामर्श दिया जा सकता है। पहचान किए गए कुपोषित बच्चों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं, अतिरिक्त पोषण और परामर्श द्वारा उनकी जान बचाई जा सकती है और उनके पोषण स्तर को सुधारा जा सकता है। साथ ही, चिन्हित कुपोषित बच्चों को एमटीसी में एडमिट कर आवश्यक स्वास्थय लाभ दिया जा सकेगा।
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