गम्हरिया : राज्य के सभी विद्यालयों में कक्षा एक से दस तक में बंगला भाषा की पढ़ाई शुरू करने समेत अन्य आठ सूत्री मांगों को लेकर झारखंड बांग्लाभाषी उन्नयन समिति के तत्वावधान में आगामी सोमवार, 11 दिसम्बर को रांची में राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। उंक्त धरना कार्यक्रम में कोल्हान से दो हजार से अधिक बंग्लाभाषी शामिल होंगे। साथ ही, प्रदेश के अन्य जिलों से भी दस हजार से अधिक लोग धरना कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस बाबत गम्हरिया में एक प्रेस वार्ता अयोजित कर समिति के जिला उपाध्यक्ष राजू चौधरी ने बताया कि झारखंड राज्य गठन के बाद साजिश के तहत प्रदेश में बंगला भाषा का अस्तित्व मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। पहले तो बंग्लाभाषा की पढ़ाई बन्द कर दी गई। उसके बाद आयोग के गठन में भी बंगला भाषा के लोगों को स्थान नहीं दिया गया। अब विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर भी बंगला भाषा मे लिखे गए नामों को हटा दिया गया। जबकि राज्य में सर्वाधिक लोग बंगला भाषा ही बोलते हैं और यह उनकी मातृभाषा है। इस बाबत पूर्व में रेल मंत्री और डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया गया था। किंतु उसपर अबतक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि समिति की प्रमुख मांगों में सभी कक्षाओं में नए सिरे से बंगला भाषा की पढ़ाई प्रारंभ करने, बंगला अकादमी की स्थापना करने, प्रत्येक विद्यालय में बंगला शिक्षक की नियुक्ति करने, अल्पसंख्यक आयोग में पूर्व की भांति भाषाई अल्पसंख्यकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने, प्रत्येक रेलवे स्टेशनों पर पूर्व की तरह बंगला भाषा में स्टेशन का नाम अंकित करने और चांडिल में वर्ष 2019 में असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा को स्थापित करने की मांग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि धरना के बाद एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रेस वार्ता में समिति के केंद्रीय कमेटी सदस्य विश्वनाथ घोष, सपन संतरा, जयंत कुमार बोस, चिन्मय पात्रो आदि भी उपस्थित थे।
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