रांची(Ranchi) : खोरठा कवि स्व0 श्रीनिवास पानुरी की 103वीं जयंती धनबाद, लोहारबरवा, वरवाअड्डा आदि जगहों पर धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर लोहारवरवा में खोरठा कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मदन मोहन तोरण ने किया। कार्यक्रम का संचालन खोरठा गीतकार विनय तिवारी ने किया। इस मौके पर सर्वप्रथम खोरठा के बाल्मीकि स्व0 श्रीनिवास पानुरी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात खोरठा पत्रिका 'चासा असल माटिक पूत' 'परासफुल', शकुन्तलाक सत, बिन पानी सब सुन आदि पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने खोरठा भाषा-भाषियो को हरसंभव सहयोग करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि सीडब्लूसी के चेयरमैन व आवाज 7 डेज़ के संपादक उत्तम मुखर्जी ने भाषा के लिए सब को आगे आने की अपील की। इस अवसर पर खोरठा गीतकार, कवि एवं लेखक विनय तिवारी ने कहा कि खोरठा भाषा की पहचान खोरठा के आदिकवि स्व0 श्रीनिवास पानुरी जी की देन है। उन्होंने अपनी लेखनी से खोरठा साहित्य को समृद्ध किया और एक पहचान दिलाया। कहा कि करोड़ों लोगों की मातृभाषा खोरठा के सम्मान के लिए आजीवन संघर्ष किया। इस मौके पर 'परासफूल' खोरठा पत्रिका के संपादक एवं साहित्यकार महेंद्र प्रबुद्ध ने कविता पाठ किया। इस मौके पर खोरठा कवि एवं साहित्यकार मुकुंद रविदास ने कहा कि खोरठा को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिले, इसके लिए आज भी संघर्ष जारी है। नेतलाल यादव ने कहा कि खोरठा के विकास के लिए तन,मन, धन से सभी को लगना चाहिए। राजेश ओझा ने कहा कि भाषा व संस्कृति के विकास के लिए सभी को आगे आना होगा। जिस हिसाब से खोरठा गीत, संगीत, साहित्य एवं सिनेमा का विकास होना चाहिए वह अभी नहीं हो पाया है। इस मौके पर साहित्यकार मनमोहन पाठक, शिवपूजन पांडेय, पुनीत साव, नेतलाल यादव, पायल कुमारी, सुलेमान अंसारी, प्रयाग महतो, सुदर्शन चेतन, विष्णुदेव महतो आदि ने भी कविता पाठ किया। अंत मे धन्यवाद ज्ञापन रामकिशुन विश्वकर्मा नें किया। इस मौके पर समाजसेवी सह मासस नेता गणेश चौरसिया, राजीव तिवारी, राजा बाबू आदि मौजूद थे।
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