●यूसील की चार मान्यता प्राप्त श्रमिक सगठनों ने यूसील के सीएमडी अस्नान्नी को लिखकर लगाई न्याय की गुहार
जादूगोड़ा : नरवापहाड़ व तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट में विस्थापितो के आंदोलन की सजा यूसील कर्मियों को दो दिन का वेतन गवांकर भुगतनी पड़ी। इधर यूसील की चार मान्यता प्राप्त श्रमिक सगठनों जादूगोड़ा लेबर यूनियन महामंत्री सुरजीत सिंह, यूरेनियम कामगार यूनियन महामंत्री के. हाशमी, यूरेनियम कामगार यूनियन रमेश माझी व यूरेनियम मजदूर संघ के महामंत्री आनंद महतो ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को यूसील के सी एमडी डॉ0 सीके अस्नानी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। यूसील संयुक्त मजदूर यूनियन के बैनर तले कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ0 अस्नानी को लिखे पत्र में यूनियन नेताओं ने कहा है कि बीते 21 सितंबर की नरवा पहाड़ यूरेनियम प्रोजेक्ट के विस्थापितों ने अपने हक के लिए आंदोलन की थी और आवागमन ठप्प कर दिया था।असुरक्षा व भय के माहौल को लेकर यूसीलकर्मी ड्यूटी से गैर हाजिर रहे।इस दिन यूसील की मान्यता प्राप्त संगठन की बंदी नही थी। ऐसे में 21 सितंबर को नरवा पहाड़ यूरेनियम प्रोजेक्ट व 28-29 सितंबर को तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट के बिस्थापितो के आंदोलन को लेकर प्लांट ठप्प हो गई थी। इसमें यूसील कर्मियों का कोई दोष नहीं था।जिसके बाद में नरवा पहाड़ माइंस के कंपनी कर्मियों का एक दिन व तुरामडीह माइंस के कंपनी कर्मियों का दो दिन का वेतन काटा गया। पत्र में कटे वेतन की भरपाई हेतु साप्ताहिक छूटी रविवार के दिन मजदूरों को काम में बुलाने या हड़ताल की अवधि को छुट्टी में समायोजित करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि एक ही कंपनी में अधिकारियों को हड़ताल की अवधि की राशि का भुगतान किया जाता है, वही मजदूरों की वेतन कटौती की गई। जबकि यह आंदोलन कोई भी यूसील यूनियन की ओर से नहीं बुलाई गई थी। ऐसे में मजदूरों को उनके कटे हुए हड़ताल के पैसे को वापस करने की गुहार कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ0 अस्नान्नी लगाई है।
बहरहाल देखना यह है कि कंपनी के मुखिया डॉ0 अस्नानी मजदूर सगठनों की इस जायज मांग को कितनी गंभीरता से लेते है या अनदेखी करती है। यह आने वाले दिनों में गौर करने वाली बात होगी।जिस ओर तीन हजार मज़दूरो की निगाहे कंपनी के सीएमडी अस्नानी पर टिकी है।
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