गम्हरिया : एक्सआईटीई कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के अवसर पर अंग्रेजी विभाग की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ0 प्रज्ञा शुक्ला उपस्थित थी। इस मौके पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस भाषाओं और संस्कृतियों में समझ और संचार को बढ़ावा देने में अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के लिए समर्पित है। इस वर्ष की थीम 'अनुवाद मानवता के कई चेहरों को उजागर करता है' के अनुरूप, ट्रांसलिट संगोष्ठी का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कैसे साहित्यिक अनुवाद की कला एक पुल के रूप में काम कर सकती है, जो हमारी साझा वैश्विक विरासत को बनाने वाले विविध अनुभवों और दृष्टिकोणों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इस दौरान विविध प्रकार की प्रस्तुतियां और चर्चाएं हुईं जो साहित्यिक अनुवाद की बहुमुखी प्रकृति को प्रदर्शित करती हैं। इस मौके पर छात्रों ने अनुवाद के विभिन्न पहलुओं पर अपने शोध और अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की, जिसमें साहित्य, संस्कृति और समाज पर इसका प्रभाव भी शामिल है।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा अनुवादित कार्यों की प्रस्तुति थी जिसमें साहित्यिक अनुवाद की कला के प्रति उनके कौशल और जुनून का प्रदर्शन किया गया था। इन प्रस्तुतियों ने छात्रों की रचनात्मक और बौद्धिक यात्राओं की एक झलक पेश की। इस मौके पर कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ0 फादर मुक्ति क्लेरेंस प्रो0 अकिंचन ज़ाक्सा, डॉ0 स्वाति सिंह, प्रो0 स्तुति राग समेत काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपास्थित थे।
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