◆दुराचार पर सदाचार के जीत का प्रतीक है रावण दहन : हरेलाल महतो
चांडिल : नीमडीह प्रखंड अंतर्गत झिमड़ी के सोनाडूंगरी में रावण दहन कार्यक्रम एवं आधुनिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दर्शकों के जनसैलाब को संबोधित करते हुए हरेलाल महतो ने कहा कि जब जब विश्व के सृष्टि पर अधर्म का काला बादल मंडराने लगा उस समय भगवान श्री राम जैसे महान अवतार ने जन्म लेकर अधर्म का नाश किया है। उन्होंने कहा कि रावण दहन असुरत्व पर दैवत्व के जीत का प्रतीक है। रावण महापंडित होने के बाद भी असुरकुल में जन्म लेकर असुर के आचरण में समाहित हो गया था। रावण अनेक प्रकार से ऋषि मुनियों को प्रताड़ित किया करते थे और अंत में जननी सीता हरण कर अपने मृत्यु को आने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि रावण के अंत से धर्म की स्थापना हुई, धरती पर अधर्मियों के शक्तियों का समापन हुआ। विशेष आमंत्रित अतिथि पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि ऋषियों मुनियों के प्राणों की रक्षा हुई जिसके कारण तेजस्वी ऋषियों, मुनियों के विश्व कल्याण रक्षा हेतु पूजा अर्चना और मंगलमय वातावरण बना। प्राणियों के अंदर सद्भावनाएँ पैदा हो ऐसी करुणा दया की स्थापना हुई और विश्व का कल्याण हुआ। एक ऐसा वातावरण का निर्माण किया गया था जो समस्त प्राणियों और जनमानस के लिऐ अत्यंत हितकारी था और रावण के मृत्यु के बाद भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने धरती पर मनुष्यों के लिए और माता सीता ने स्त्रियों को मर्यादा में रहने का आदर्श दिखाया। हरेलाल महतो ने कहा कि आज हमें भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व जननी सीता के आदर्श को आत्मसात कर मानव कल्याण के लिए कार्य करना होगा। रावण दहन कार्यक्रम के पूर्व आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकप्रिय कलाकार शिकारी - तानिया के सुरों में सजा गीत 'आय रे आय रे वर्षा तुई धीरे धीरे आय, पहिल वर्षाय आमार सोना के भीजा' आदि गीतों में जैक्शन - शिवानी के जोड़ी ने जीवंत अभिनय के साथ नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मोहित किया। रावन दहन में जमकर आतिशबाजी की गई। इस अवसर पर आजसू के केंद्रीय सचिव सत्यनारायण महतो, जिलाध्यक्ष सचिन महतो, गणेश महतो, पद्मलोचन महतो, बलराम महतो, लक्ष्मीकांत महतो आदि उपस्थित थे।
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