◆ महिलाओं ने सिंदूर खेला कर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया
◆ अश्रुपूरित आंखों से फिर आने की कामना के साथ दी मां को विदाई
गम्हरिया : मंगलवार को दशमी पूजन के साथ ही विगत दस दिनों से चल रहा माँ दुर्गा पूजनोत्सव संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने पारंपरिक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर अश्रुपूरित नेत्रों से माँ को विदाई दी। वहीं कई स्थानों पर महिला श्रद्धालुओं ने सिंदूर खेला कर पुनः आने की कामना के साथ माता को विदाई दी। सुहागिन महिलाओं ने माँ को सोलह श्रृंगार कर सिंदूर चढ़ा अपने सौभाग्यवती का आशिर्बाद प्राप्त किया। वहीं, बंगाली समाज की महिलाओं ने माता को सिंदूर चढ़ाने के साथ ही एक दूसरे को सिंदूर लगा अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। सुहागिनों ने पान के पत्तों और पूजन सामग्रियों से मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर मां के पैर छूकर प्रणाम किया। मां को सिंदूर लगाने के बाद उपस्थित महिलाओं ने एक -दूसरे को लंबी सिंदूर लगाया। मान्यता है कि लंबी सिंदूर लगाना पति के दीर्घायु की कामना होती है। यह भी मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा दस दिनों के लिए अपने मायके आती हैं। जिस तरह लड़की के मायके आने पर उसकी सेवा की जाती है, उसी तरह मां दुर्गा की भी खूब सेवा की जाती है।
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