जमशेदपुर : एक्सएलआरआई जमशेदपुर में ''एक नेता के परिप्रेक्ष्य से बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में रणनीति कार्यान्वयन की बारीकियां'' विषय पर एक व्यावहारिक सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में एक सौ से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ-साथ एक्सएलआरआई प्रबंधन और कर्मचारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व 3एम निदेशक, एशिया मनोहर राघवन उपस्थित थे. सर्वप्रथम प्लेसमेंट के संयोजक (बीएम, एचआरएम और जीएम) डॉ0 ए. कनगराज ने अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत किया. इस मौके पर राघवन ने कहा कि किसी भी व्यावसायिक प्रयास का प्राथमिक उद्देश्य ग्राहकों और शेयरधारकों दोनों के लिए मूल्य का निर्माण करना होना चाहिए, जो सभी रणनीतिक निर्णयों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम करे. इसके अलावा, उन्होंने निरंतर सीखने और विकास की अनिवार्य आवश्यकता पर बल देते हुए व्यावसायिक परिदृश्य की निरंतर विकसित हो रही प्रकृति पर प्रकाश डाला. उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा कि "सीखना एक आजीवन यात्रा है, और ज्ञान की खोज कभी नहीं रुकनी चाहिए।" उन्होंने प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में अप्रत्याशित बदलावों के सामने अनुकूलन क्षमता के महत्व को पहचाना. उन्होंने महत्वाकांक्षी व्यापारिक नेताओं के लिए नेटवर्किंग के महत्वपूर्ण कौशल पर भी जोर दिया, क्योंकि यह उन्हें अवसरों, सलाहकारों और एक व्यापक पेशेवर समुदाय से जोड़ता है. इन बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए श्री राघवन ने एक व्यक्तिगत किस्सा साझा किया जिसमें यथास्थिति को चुनौती देने और विकास व अवसरों को जब्त करने के लिए अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलने के मूल्य पर जोर दिया. उनकी बातों ने विद्यार्थियों पर अमिट प्रभाव छोड़ा. इस मौके पर पीजीडीएम (जीएम) छात्रों के साथ फायरसाइड चैट के दौरान, उपस्थित लोगों को श्री राघवन के साथ एक स्पष्ट और व्यावहारिक बातचीत में शामिल होने का एक अनूठा अवसर मिला. बातचीत में व्यवसाय प्रबंधन और नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई जिससे उनकी व्यापक विशेषज्ञता का लाभ मिला. इसके बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया जिसमें छात्रों को व्यवसाय रणनीति, नेतृत्व और नैतिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने की अनुमति दी गई जिससे गहन अन्वेषण और समझ संभव हो सके. श्री राघवन ने नैतिकता, ग्राहक और शेयरधारक मूल्य, निरंतर सीखने, अनुकूलनशीलता, विविधता और समावेशन, नेटवर्किंग और व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता जैसे प्रमुख सिद्धांतों पर जोर दिया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ जिसमें एक्सएलआरआई छात्रों के साथ अपने ज्ञान और अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए श्री राघवन के प्रति बहुत आभार व्यक्त किया गया.
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