गम्हरिया : गम्हरिया के जगरधात्री मंदिर में विहिप की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा यज्ञ के तीसरे दिन शनिवार को सृष्टि का वर्णन और कपिलोकव्याख्यान ध्रुव चरित्र का वर्णन किया गया. इस दौरान उपस्थित वृंदावन के आचार्य अनुपानन्द जी महाराज द्वारा बताए जा रहे बालक ध्रुव के चरित्र का वर्णन सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे. उन्होंने ध्रुव के चरित्र के बारे में बताते हुए कहा कि भगवान को प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है. ध्रुव ने अपने मन में दृढ़ संकल्प कर लिया था कि मुझे भगवान को प्राप्त करना है और उसी संकल्प को ध्यान में रखते हुए वनवास में तपस्या करते हुए भगवान को प्राप्त किया. ध्रुव कथा प्रसंग में बताया कि सौतेली मां से अपमानित होकर बालक ध्रुव कठोर तपस्या के लिए जंगल को चल पड़े. बारिश, आंधी-तूफान के बावजूद तपस्या से न डिगने पर भगवान प्रगट हुए और उन्हें अटल पद प्रदान किया. उन्होंने मानव को अपना तन व मन ध्रुव की तरह ईश्वर के प्रति समर्पित करने को कहा. इससे पूर्व उन्होंने सृष्टि की उत्पति व रचना के सबन्ध में भी विस्तार से बताया. इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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