पर्यावरण चेतना केंद्र बड़ा सिकदी में मना आदिवासी दिवस, वीर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि Tribal Day without celebration in Environment Consciousness Center Bada Sikdi



जादूगोड़ा:  जादूगोड़ा से सटे बड़ा  सिकदी स्थित पर्यावरण चेतना केंद्र में आदिवासी भूमि समाज की ओर बिना ढोल नगाड़े व सांस्कृतिक प्रदर्शन के विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. इस मौके पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी जान की बाजी लगाने वाले वीर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर  पर्यावरण चेतना केंद्र, बड़ा सिकदी में आयोजित समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता सिद्धेश्वर सरदार ने कहा कि आज भी आदिवासी मानव की जिंदगी नही जी रहें है. विस्थापन अत्याचार, समेत जल, जंगल और जमीन से उन्हें बेदखल किया जा रहा है. कहा कि आदिवासियों का हितैषी  ना तो कोई विधायक है और ना ही सांसद. झारखंड सरकार आदिवासी की पहचान मिटाने में तुली है. यही कारण है कि झारखंड की कई भाषाओं की पहचान विलुप्त की जा रही है. पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में जमीन की खरीद बिक्री जारी है. फैक्ट्री के नाम पर जहां खनिज की लूट मची है, वहीं आदिवासियों को उजाड़ने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. सरकार की नीतियों से आदिवासी डरे  व सहमे हुए हैं. इस मौके पर आदिवासी की दिशा व दशा पर चर्चा की गई. इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता सिद्धेश्वर सरदार, हरीश भूमिज, महेंद्र सबर, जोबा टुडू, बरियार मार्डी, हेमंत सरदार, जलाधर पात्रो, पावेद मार्डी, विभीषण समद, जयंती सरदार अनिता कुमारी, गोइरी सरदार, आरती सरदार, सुरेश सरदार, अर्जुन सरदार, श्याम चरण मुर्मू समेत काफी संख्या में ग्रामीणों उपस्थित थे.

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