🙏हरि ॐ🙏;
इस वर्ष श्रावणी पूर्णिमा का शुभारंभ राष्ट्रीय पंचांग के अनुसार बुधवार ३० अगस्त की दिवा १०:५९ से आरंभ होकर गुरुवार ३१ अगस्त की प्रातः ७:०६ बजे तक रहेगा ,जबकि वाराणसी एवं अन्य क्षेत्रीय पंचांग के अनुसार श्रावणी पूर्णिमा का शुभारंभ बुधवार ३० अगस्त की दिवा लगभग १०:१३ से आरंभ होकर गुरुवार ३१ अगस्त की प्रातः ७:४५ बजे तक रहेगा।किंतु बुधवार ३० अगस्त को प्राप्त होने वाली पूर्णिमा तिथि भद्रा युक्त है भद्रा बुधवार ३० अगस्त की दिवा १०:५९ से आरंभ होकर रात्रि ९:०२ बजे तक रहेगा। शास्त्रानुसार भद्रा में रक्षाबंधन का विधान निषेध है।
इस प्रकार हम देख रहे हैं कि उदया तिथि एवं भद्रा रहित यानी भद्रा के बिना श्रावणी पूर्णिमा गुरुवार ३१ अगस्त को ही प्राप्त हो रहा है इस कारण हमें रक्षाबंधन एवं संस्कृत दिवस गुरुवार ३१अगस्त को ही मनाना चाहिए।
किंतु जिन स्थानों में सूर्योदय प्रातः ०७:०५ बजे के बाद होगा ,उन स्थानों में रक्षाबंधन का विधान बुधवार ३० अगस्त की रात्रि ०९:०२ बजे के बाद ही संपन्न करनी चाहिए, बुधवार ३० अगस्त को रक्षाबंधन हेतु शुभ मुहूर्त रात्रि ९:०३(नौ बजकर तीन मिनट) से रात्रि १०:२१(दस बजकर इक्कीस मिनट) तक है।
गुरुवार ३१अगस्त को रक्षाबंधन का विधान स्थानीय समयानुसार प्रातः ०५:२८ (पांच बजकर अठाइस मिनट) के बाद किसी भी समय किया जा सकता है किंतु सर्वोत्तम मुहूर्त प्रातः ५:२८ (पांच बजकर अठाइस मिनट)से ७:०३(सात बजकर तीन मिनट) तक है,जबकि शुभ मुहूर्त दिवा १०:१२(दस बजकर बारह मिनट ) से दिवा १:१९ (एक बजकर उन्नीस मिनट) तक एवं दिवा ४:२९(चार बजकर उनतीस मिनट) से संध्या ६:०२(छः बजकर दो मिनट) तक है।
''मंत्र:-येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।'
तेन त्वामनुबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।"
सभी शुभेच्छु आत्मीय मित्रों को रक्षाबंधन एवं संस्कृत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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