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जेजे और पॉक्सो एक्ट को लेकर डीसी एवं एसपी की संयुक्त अध्यक्षता मे एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित One day workshop on JJ and POCSO Act organized


सरायकेला : जिला समाहरणालय सभागार मे बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विधिवत शुभारम्भ उपायुक्त रविशंकर शुक्ला तथा पुलिस अधीक्षक डॉ0 विमल कुमार नें दीप प्रज्जवलित कर किया. इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) चन्दन कुमार वत्स के द्वारा जेजे एक्ट एवं डालसा सचिव कांति प्रसाद द्वारा पॉक्सो एक्ट के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई. इस मौके पर अपने सम्बोधन में उपायुक्त नें कहा कि कार्यशाला मे समय का सदुपयोग करते हुए एक्ट के प्रावधान को समझें ताकि बच्चों की मदद की जा सके. उन्होंने कहा कि बच्चो के द्वारा किया जा रहा अपराध एवं बच्चो पर हो रहे अत्याचार पर बाल अधिकार अधिनियम के तहत प्रोटोकोल को फॉलो करें. इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बच्चे समाज की अगली पीढ़ी होते है. इनके साथ संवेदनशील होकर सेंसेटिव पुलिसीँग का उदाहरण प्रस्तुत करें ताकि बच्चों मे डर नहीं हो एवं बच्चो को भरोसा रहे कि पुलिस हमारी मदद करेगी. जेजे एक्ट तथा पोक्सो एक्ट पर जानकारी देते हुए बताया गया कि यौन शोषण व बच्चों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. हमें अपने बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की पहचान परिवार से ही सिखानी चाहिए. उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के व लड़कियां इस कानून की मदद ले सकते हैं. कहा कि बच्चे हमारे देश की अमूल्य सम्पत्ति है. बच्चों के साथ कोई उत्पीड़न होने पर एफआईआर दर्ज करवाएं. कार्यशाला मे पुलिस उपाधीक्षक ने जेजे एक्ट के प्रवधान, एक्ट पर लगाए जाने वाली धाराओं, संम्प्रेक्षण गृह/विशेष गृह/ सुरक्षित स्थान/ बाल गृह आदि के बारे मे विस्तृत जानकारी साझा किया. वही डालसा सचिव ने पॉक्सो अधिनियम 2012 पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें इस तरह के मामले दर्ज होने के बाद मामलों से कैसे निपटा जाना चाहिए, इसकी प्रक्रिया पर गहन चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि सीडब्ल्यूसी बोर्ड के सदस्यों की अनुशंसा पर डालसा द्वारा कानूनी सहायता, मुआवजा और सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि एफआईआर और मेडिकल रिपोर्ट जमा होने के बाद अदालत में अंतरिम मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बच्चों के चार अधिकार, बच्चों के संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों इत्यादि के बारे मे जानकारी दी गईं. कार्यशाला मे उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, पुलिस उपाधीक्षक चन्दन कुमार वत्स, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा, कार्यपालक दंडाधिकारी डॉ0 सुधा वर्मा समेत अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.

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