कंपनी महाप्रबंधक एसके शर्मा ने यूरेनियम प्रोजेक्ट के भावी योजनाओं से कराया अवगत
जादूगोड़ा : यूसील के खिलाफ आ रही भ्रामक खबरों पर कंपनी प्रबंधन ने दुःख व्यक्त किया है. मंगलवार को कंपनी महाप्रबंधक एसके शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर लोगों से उक्त भ्रामक प्रचार प्रसार से बचने की अपील की है. उन्होंने इस दौरान यूरेनियम प्रोजेक्ट के भावी योजनाओं से अवगत कराते हुए बताया कि यूसील कंपनी एक्ट व नियमो के तहत काम करती है. स्वंय पर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा कि किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से वे इसकी जांच करवाने को तैयार हैं. उन्होंने विगत दिनों अलग-अलग माध्यमो, संगठनो द्वारा कम्पनी के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि इनका कोई आधार नहीं है, कम्पनी नीति-नियमो के तहत संचालित की जा रही है.
कम्पनी के सीएमडी के आप्त सचिव सुरोजीत दास को नियम के तहत प्रमोशन मिले है: एसके शर्मा
कम्पनी के सीएमडी के आप्त सचिव सुरोजीत दास को लगातार प्रमोशन दिए जाने और उनके सम्बन्धियों को क्रमवार नौकरी दिए जाने के सम्बन्ध में कंपनी के महाप्रबंधक संजय कुमार शर्मा ने कहा कि सुरोजीत दास को सारे प्रमोशन कम्पनी के नीति नियमो के तहत दिए गए हैं. इसके अलावा जहाँ तक उनके सम्बन्धियों को नौकरी दिए जाने की बात है तो सभी लोगों को कम्पनी की विस्थापन और पुनर्वास नीति के तहत ही नौकरी दी गई है. सुरोजीत दास पहले कम्पनी सचिव के आप्त सचिव हुआ करते थे, बाद में उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें तत्कालीन सीएमडी रामेन्द्र गुप्ता का आप्त सचिव बनाया गया. तत्पश्चात पूर्व सीएमडी दिवाकर आचार्य व फिर वर्तमान सीएमडी चंद्रू कुमार असनानी के आप्त सचिव के रूप में उन्हें पदस्थापित किया गया है. जहाँ तक उनके खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जांच करने की बात है तो ऐसी कोई भी जांच उनपर आयोग द्वारा नहीं चल रही है और न ही कोई शिकायत दर्ज की गई है. उसके खिलाफ कोई शिकायत आयोग के पास दर्ज नहीं है, इसकी पुष्टि आयोग के अधिकारीयों ने की है. उन्होंने कहा कि वह भी यूसिल के सतर्कता अधिकारी रह चुके हैं और इस नाते उन्हें यह पता है कि सीवीसी की शिकायत नियमावली में ई-8 लेवल से नीचे के किसी भी अधिकारी की सीधे शिकायत नहीं की जा सकती है. सुरोजीत दास उस लेवल के अधिकारी नहीं हैं.
■राजस्थान में जल्द खुलेगा परमाणु संयंत्र
यूसील की भावी यूरेनियम प्रोजेक्ट के बाबत जानकारी देते हुए कंपनी महाप्रबंधक शर्मा ने बताया कि राजस्थान के सीकर में जल्द ही एक नया परमाणु संयंत्र खुलने जा रहा है. इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके लिए पानी राजस्थान के नगर निगम द्वारा उनका वेस्ट वाटर को ट्रीटमेंट करके उपयोग में लाया जाएगा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यूसिल में यदि ऑन डयूटी किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उनके परिवार से उस अवधि तक आवास खाली नहीं करवाया जाएगा जबतक उनकी सेवा अवधि बची हुई रहेगी. पीड़ित परिवार को मेडिकल, शिक्षा सहित सभी सुविधाएँ भी उनके परिजनों को मिलती रहेगी. ऐसा नियम अभी एक दो को छोड़कर किसी भी संस्थान में नहीं है जबकि यूसिल ने इसे लागु कर दिया है. इसके अलावा यूसिल के जर्जर आवासों की मरम्मत के लिए मेकॉन सहित अन्य कम्पनियों से प्रस्ताव माँगा गया है. जल्द ही इसमें भी काम शुरू हो जाएगा. जहां तक सीएमडी के मुंबई में रहने की बात है तो वो परमाणु उर्जा विभाग का बोर्ड तय करता है कि कम्पनी के संचालन के लिए किस तरह का नियमन किया जाए.
ठेका मजदूरों की कार्यावधि के दौरान मौत हो जाने के मामले में उन्होंने कहा कि सेल कम्पनी द्वारा ऐसे केस में नौकरी दी जा रही है. इस बात का ध्यान विभाग की ओर आकृष्ट करवाते हुए वर्तमान में ऐसे मृतक के आश्रितों को तत्काल अस्थाई नियोजन दिया जा रहा है. स्थाई नौकरी के लिए प्रस्ताव परमाणु उर्जा विभाग को भेज दिया गया है. जल्द ही वहां से इससे सम्बंधित आदेश आने की उम्मीद है. उसके बाद ठेका मजदूरों का ये मामला भी सुलझ जाएगा. कम्पनी के कार का दुरूपयोग करने सम्बन्धी खुद पर लगे आरोपों पर संजय शर्मा ने कहा कि कम्पनी की कार उन्होंने वापस नहीं की है. विभागीय कार्य के लिए अभी भी उसका उपयोग किया जा रहा है. उसके लिए किलोमीटर की कोई बाध्यता नहीं है.
परमाणु उर्जा केन्द्रीय विद्यालय के 11वीं और 12वीं के बच्चों की शिक्षा की जानकारी देते हुए श्री शर्मा ने बताया कि आरटीई के तहत 10वीं तक की पढाई कर चुके बच्चों की 11वीं और 12वीं तक की शिक्षा के लिए कम्पनी ने 14 लाख रुपए खर्च करने की स्वीकृति प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कम्पनी काफी अच्छी स्थिति में चल रही है और भ्रष्टाचार सम्बन्धी कोई भी शिकायत होती है तो उसकी शिकायत मिलने पर उसपर कारवाई की जाती है. संवाददाता सम्मलेन में यूसिल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 देवाशीष भट्टाचार्य, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ0 मानस कुमार रजक, उप महाप्रबंधक प्रभाष रंजन, बार्क जादूगोड़ा यूनिट के प्रभारी अधिकारी विवेकानंद झा, महाप्रबंधक मनोज कुमार,महाप्रबंधक एमके सिंगरी, उप महाप्रबंधक आरके मिश्रा आदि शामिल थे।
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